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November 24, 2025
पुष्कर ब्रह्मलोक कॉरिडोर परियोजना तेज़ रफ्तार में, सुझावों के बाद तैयार होगा अंतिम खाका
पुष्कर सरोवर और आसपास के धार्मिक क्षेत्र को भव्य स्वरूप देने के उद्देश्य से ब्रह्मलोक कॉरिडोर एवं परिक्रमा मार्ग विकास योजना पर सोमवार को विस्तृत समीक्षा बैठक हुई। बैठक में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय सामाजिक संगठनों ने परियोजना पर ठोस सुझाव दिए, जिससे कॉरिडोर का अंतिम खाका और प्रभावी रूप से तैयार किया जा सके।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत, धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, जिला कलेक्टर लोकबंधु, नगर परिषद आयुक्त जनार्दन शर्मा, एडीए आयुक्त, पर्यटन विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।
परियोजना से संबंधित प्राथमिक डीपीआर प्रस्तुत की गई, जिसमें परिक्रमा मार्ग का विस्तार, यात्री सुविधाओं का उन्नयन, धार्मिक पर्यटन के लिए आधारभूत ढांचे का निर्माण और सरोवर के चारों ओर सुगम आवागमन पर जोर दिया गया।
जनप्रतिनिधियों और समाज प्रतिनिधियों ने कॉरिडोर के स्वरूप, निर्माण क्षेत्र, श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन जैसे मुद्दों पर अहम सुझाव दिए। नगर परिषद आयुक्त को दो दिनों में सभी लिखित सुझाव प्राप्त कर प्राधिकरण को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
सुरेश रावत ने कहा कि पुष्कर के विकास को लेकर गलतफहमियाँ फैलाने वालों पर ध्यान न दें। कॉरिडोर निर्माण में न किसी का मकान टूटेगा और न ही किसी को विस्थापन का सामना करना पड़ेगा। सरकार का उद्देश्य केवल धार्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में वर्णित पुष्कर की महिमा को ध्यान में रखते हुए इसे विश्वस्तरीय धार्मिक धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राप्त सुझावों के आधार पर विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।
कलेक्टर लोकबंधु ने बताया कि आने वाले वर्षों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ेगी, इसलिए विकास कार्यों को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। आवश्यक सुविधाओं के विस्तार और समस्याओं के स्थायी समाधान पर विशेष फोकस रहेगा।
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