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November 22, 2025
वीरांगना झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी के नजदीक भोजला गांव में हुआ था ।वह बड़ी होकर एक सैनिक और रानी लक्ष्मीबाई की विश्वसनीय सलाहकारों में से एक बन गई। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही घुड़सवारी अस्त्र-शास्त्र की कला और एक योद्धा की तरह लड़ना सीख लिया था। वह एक महिला सैनिक थी जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना में सेवा दी अंततः वह झांसी की रानी की एक प्रमुख सलाहकार के पद तक पहुंची और उनके बलिदान और झांसी के प्रति समर्पण ने उन्हें हार नहीं मानूंगी रानी को बचाऊंगी, झांसी की आन में जान देकर निभाऊंगी, जैसे भावों के साथ अमर कर दिया ।
आज उनकी जयंती पर पंचशील स्थित झलकारी बाई स्मारक पर अजमेर दक्षिण विधायक अनीता भदेल ने भाजपा पदाधिकारी और कोली समाज के युवाओं के साथ स्मारक पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया अनीता भदेल ने बताया किझलकारी बाई जयंती के पावन अवसर पर पंचशील स्थित झलकारी बाई स्मारक पर समाजबन्धुओं के साथ पहुंचकर वीरांगना झलकारी बाई जी को पुष्पांजलि अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।राष्ट्र की रक्षा हेतु उनका साहस, त्याग और अदम्य वीरता हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगी।हम उनकी गौरवशाली विरासत को नमन करते हैं।
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