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October 2, 2025
राजगढ धाम पर हुआ अखण्ड़ ज्योति का विधिवत समापन
जो देता है वही देवता, भगवान देता है लेता नही चम्पालाल महाराज
श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर चल रहे शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव 2025 के समापन समारोह में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला नवमी रात्रि से ही शुरू हो गया । बाबा भैरव व माँ कालिका के जयघोष के साथ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की पूजा-अर्चना कर बाबा भैरव व माँ कालिका की आरती की गई। तत्पश्चात महाराज ने परिवार सहित माता रानी की पूजा अर्चना कर माता के प्रसाद का भोग लगाय व आरती की। धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह विशेष फूलो से सजाया गया जिसके कारण धाम परिसर अदभुद खुशबू से महक रहा था व गुलाबी और दूधिया रोशनी से भव्य प्रांगण जगमगा रहा था। चम्पालाल महाराज ने आये हुए श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि जो देता है वही देवता है क्योकि भगवान हमेशा अपने भक्तों को देता है लेता नही। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नही, जो भी भक्त सच्ची आस्था के साथ धाम पर आता है अवश्य ही वो कुछ ना कुछ पाकर जरूर जाता है। महाराज ने श्रद्धालुओ से नशे को त्याग करने व अधिक से अधिक रक्तदान करने को कहा ओर बताया कि आपका रक्तदान किसी को जीवनदान दे सकता है। मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव 2025 में दस दिनो तक चली अखण्ड़ ज्योति का प्रातःकाल विधिवत समापन किया गया। समापन के पश्चात धाम पर आये हुए सभी श्रद्वालुओ को बाबा भैरव ने अपने कर कमलो से सभी को दशम तक चली अखण्ड ज्योति की विशेष रामबाण औषधि रूपी चिमटी (भभूत) का वितरण किया गया। धाम पर यह अखण्ड़ ज्योति निरन्तर 24 घण्टे लगातार 9 दिनो तक प्रज्जवलित रही। इस अखण्ड़ ज्योति की विशेषता यह है कि जिस पात्र में इसको प्रज्जवलित किया जाता है उसमे हजारों नारियल की चिटक, कई पीपे तेल के व धूप हवन सामग्री ड़ालने पर भी यह पात्र कभी भरता नही है। इस अखण्ड़ ज्योति के दर्शन मात्र से ही आये हुए सभी श्रद्वालुओ के रोग कष्ट बाधाए आदि दूर हो जाती है। देशभर से आये हजारों की तादाद में श्रद्वालुओ ने धाम पर पहुंच कर अखण्ड ज्योत की चिमटी ली व सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की विशेष परिक्रमा कर बाबा भैरव से अपनी मन्नत मांगी। नवमी की रात्रि मे अजमेर की भजन गायक कलकार ज्योति सैन, ममता सोनी व नरेश दगदी ने अपनी मधुर आवाज में अंगना पधारो महाराणी म्हारी कालका भवानी, राजगढ़ भैरूजी थारो देवरो रे, हेला पे हेलो देउ म्हारी माँ, भैरू जी नाना रे नाना, दरबार है निराला काली के लाल का, अब तो आजा रे भैरू जी, मैया रानी तो छिप रही पहाड़ा मे, आजा ये भवानी, राजगढ मे लाग्यो दरबार, झीणी झीणी उडे रे गुलाल आदि भजनो को सुनकर मंत्रमुग्ध होकर झूम-झूम कर नाचने लगे। शारदीय नवरात्रा महोत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा 10 दिनो तक विशेष पुलिस बल तैनात किया गया एवं चिकित्सा विभाग द्वारा एवं आयुर्वेद चिकित्सा विभाग द्वारा भी मेडिकल टीम लगाकर सम्पूर्ण व्यवस्था की गई। शारदीय नवरात्रा मेले के दौरान सुचारू व्यवस्था संभालने के लिए व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश चन्द सेन, अविनाश सैन, यश, प्रकाश रांका, राहुल सैन, बी एल गोदारा, मणीराम काजला, नरेश चाहर, के साथ, के सी जैन, कैलाश सेन, मनोहर लालवानी, राजू चावड़ा, कमल शर्मा, दीपक बसीटा, राजकुमार त्रिपाठी, उज्जवल राठौड, मनोहर सिंह, धर्मेन्द्र, सुरेश दायमा, तिलोक जटिया, सलीम एस के, कुल्दीप, मोनू, अर्जुन, विजय सिंह भवानीखेड़ा, महेन्द्र रावत, रामसिंह बाबल, मोहन छीपा, श्रवण रावत, चेतन आनन्द, श्याम शर्मा, दीपक सेन, अर्जुन सेन, धर्मेन्द्र सुरेश गुर्जर, मनीष चौहान, सुनिल चौहान, सुरेश काकाणी, रामप्रसाद मोर्य, अजीत चौधरी, हंसराज भडाणा, अमिताभ, भूपेन्द्र, मनीष केकड़ी, कन्हेया लाल, देवानन्द, अजय बुढ़ानिया, विनय, ओम माली, अमिताभ, यश जटिया आदि का विशेष योगदान महत्वपूर्ण रहा।
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