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September 10, 2025
राजस्थान भर से आए आयुष नर्सिंस ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार द्वारा नर्सेज कर्मियों पर थोपे जा रहे एएमएस ऐप के खिलाफ जताया आक्रोश, निजी मोबाइल में सरकारी ऐप डाउनलोड करने को बताया निजता का हनन
राजस्थान आयुष नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले नर्सेज ने आयुर्वेद निदेशालय अजमेर पर धरना दिया। यहां प्रदेशभर से आए नर्सेज ने AMS ऐप को निजता का उल्लंघन बताते हुए सरकार को चेतावनी दी ।
आयुर्वेद निदेशालय के मुख्य द्वार पर आयोजित धरना प्रदर्शन को प्रदेश भर से आए कर्मचारी नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का तुग़लगी फरमान किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आगे ओर भी उग्र आंदोलन किया जाएगा ।
इस संबंध में जब आयुर्वेद निदेशक डॉ. आनन्द शर्मा से बात की तो उनका कहना था कि इस मामले में दो एसोसिएशन कोर्ट भी गई है और विधिक राय लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वहीं प्रदेश संयोजक धर्मेंद्र फोगाट ने बताया कि आयुष नर्सेज और अन्य कर्मचारियों को अपने निजी मोबाइल में AMS सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर डिजिटल उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के हवाले से निर्देशित किया गया है। यह ऐप नर्सेज की निजता के अधिकार का खुला उल्लंघन है। इसके अलावा कर्मचारियों को मल्टी मीडिया फोन खरीदने, उसका प्रतिमाह डाटा खरीदने और एक ऐसा सॉफ्टवेयर जिसके माध्यम से कार्मिकों की 365 दिन 24 घंटे निगरानी करने का संघर्ष समिति पूरी तरह से विरोध करती है। संघर्ष समिति विभाग में वर्किंग कल्चर को बढ़ावा देने वाले किसी भी नवाचार का समर्थन करती है लेकिन इसकी आड़ में कर्मचारी को कमजोर कड़ी मानकर बंधुआ मजदूर की तरह 24 घंटे निगरानी करना, उसके निजता के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का सीधा सीधा उल्लंघन है।
विभाग और राज्य सरकार को चाहिए कि पहले आयुर्वेद भवनों में बिजली कनेक्शन कर उनमें वाई फाई की पहुंच सुनिश्चित करे और उसके पश्चात वहां बायोमेट्रिक मशीन स्थापित करें। लेकिन मनमाने तरीके से बिना संसाधन कर्मचारी को बाध्य कर व्यवस्था लागू कर कर्मचारी की निजता के उल्लंघन का हम विरोध करते है। पूर्व में भी नर्सेज की लंबित मांगों पर वार्ता करने के लिए आयुर्वेद निदेशक को पत्र लिखकर वार्ता करने का अनुरोध किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर सरकार AMS एप के इस तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेती तो आंदोलन विभिन्न चरणों में जारी रहेगा।
धरना प्रदर्शन में शामिल होने आई प्रदेश भर की महिला आयुर्वेद नर्सस ने बताया कि आयुर्वेद भवन में शौचालय तक की सुविधा नहीं है महिलाओं को सार्वजनिक शौचालय में जाना पड़ता है, भवनों की स्थिति जर्जर है सरकार उस और तो कोई ध्यान दे नहीं रही, निष्ठा से कार्य करने वाले नर्सस कर्मचारियों पर 24 घंटे पहरा बिठाने की तैयारी की जा रही है जैसे नर्सस काम ही नहीं करते हो। ड्यूटी टाइम में बायोमेट्रिक से हाजिरी लगाई जाए इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन निजी मोबाइल में सरकारी ऐप को डाउनलोड करना मतलब निजता का हनन है जिसे हम सहन नहीं करेंगे।
फिर भी सरकार चाहे तो सभी नर्सेज कर्मियों को मोबाइल, डाटा और सिम भी उपलब्ध कराए तो शायद कुछ हो सकता है।
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