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September 6, 2025
पुष्कर सरोवर में श्राद्ध पक्ष की शुरुआत, पूर्वजों की आत्मशांति के लिए उमड़ेंगे श्रद्धालु
धार्मिक नगरी पुष्कर में श्राद्ध पक्ष की शुरुआत रविवार को पूर्णिमा के श्राद्ध से हो रही है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार पुष्कर में पिंडदान और तर्पण करने से ही पूर्वजों की आत्मा को वास्तविक शांति मिलती है। पद्मपुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है कि भगवान राम ने अपने पिता दशरथ जी का श्राद्ध पुष्कर के नजदीकी तीर्थ सुधाबाय (गया कुंड) में किया था।
तीर्थ पुरोहित सतीश चंद्र तिवाड़ी के अनुसार सभी तीर्थों में श्राद्ध करने के बाद भी पुष्कर में श्राद्ध करना विशेष फलदायी माना जाता है। श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होते ही रविवार सुबह से ही सरोवर तट पर दूर-दराज़ से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाएगा। राजस्थान ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा सहित कई राज्यों से श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मशांति की कामना लेकर पुष्कर पहुँच रहे हैं। पंडित कैलाशनाथ दाधीच ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में श्रद्धालु सरोवर किनारे पिंडदान, तर्पण और धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। श्राद्ध पक्ष का समापन 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ होगा।उन्होंने बताया कि 7 सितम्बर को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा जो दोपहर 12:30 तक संपन्न किया जा सकता है । इसके बाद चंद्र ग्रहण का सूतक लागू होगा । 8 सितम्बर को प्रतिप्रदा का श्राद्ध, 9 सितम्बर को द्वितीया का श्राद्ध, 10 सितम्बर को तृतीया का श्राद्ध, 11 सितम्बर को चतुर्थी और पंचमी का श्राद्ध, 12 सितम्बर को षष्ठी का श्राद्ध, 13 सितम्बर को सप्तमी का श्राद्ध, 14 सितम्बर को अष्टमी का श्राद्ध, 15 सितम्बर को नवमी का श्राद्ध, 16 सितम्बर को दशमी का श्राद्ध, 17 सितम्बर को एकादशी का श्राद्ध, 18 सितम्बर को द्वादशी का श्राद्ध, 19 सितम्बर को त्रयोदशी का श्राद्ध, 20 सितम्बर को चतुर्दशी का श्राद्ध और 21 सितम्बर को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध होगा।
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