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September 2, 2025
उज्जैन। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों के प्रवेश पर रोक को बरकरार रखा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि गर्भगृह में किसे प्रवेश दिया जाएगा, इसका अधिकार स्थानीय कलक्टर के विवेक पर ही रहेगा। इस फैसले के साथ फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं, यानी आम भक्त गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे और केवल वीआईपी अथवा विशेष अनुमति प्राप्त श्रद्धालु ही गर्भगृह तक पहुंच सकेंगे।
याचिका में उठाया गया था भेदभाव का मुद्दा
यह फैसला इंदौर निवासी दर्पण अवस्थी की जनहित याचिका पर आया। याचिका एडवोकेट चर्चित शास्त्री के माध्यम से दायर की गई थी। इसमें तर्क दिया गया था कि दूर-दराज से आने वाले आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह तक प्रवेश नहीं दिया जाता, जबकि प्रभावशाली और वीआईपी व्यक्तियों को विशेष अनुमति देकर प्रवेश की सुविधा दी जाती है। याचिकाकर्ता ने इसे भेदभावपूर्ण और अनुचित व्यवस्था बताया।
कोर्ट का फैसला और प्रभाव
गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और सोमवार को आदेश सुनाते हुए कलक्टर की व्यवस्था को वैध करार दिया। अदालत ने कहा कि जब तक कोई नया आदेश जारी नहीं होता, मंदिर की वर्तमान व्यवस्था जैसी है वैसी ही लागू रहेगी। इसका सीधा असर यह होगा कि आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा और व्यवस्थाएं प्रशासन की अनुमति पर आधारित रहेंगी।
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