Post Views 11
July 16, 2025
जयपुर/नई दिल्ली।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के निर्देश पर आयकर विभाग ने देशभर में 150 से अधिक ठिकानों पर एक साथ बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली डोनेशन, फर्जी कर छूट और संगठित टैक्स जालसाजी गिरोहों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस जांच का सबसे बड़ा खुलासा दो राजनीतिक दलों की संलिप्तता के रूप में सामने आया है—मध्यप्रदेश की भारतीय सामाजिक पार्टी और महाराष्ट्र की युवा भारत आत्मनिर्भर दल।
राजस्थान आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने इन राजनीतिक दलों के राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में फैले 10 ठिकानों पर छापेमारी की। राजस्थान के भीलवाड़ा में भी इस सिलसिले में बड़ी कार्रवाई की गई है। जांच में पता चला कि इन दलों ने पिछले तीन वर्षों में करीब 500 करोड़ रुपये का बोगस चंदा प्राप्त कर, उसमें से कमीशन काटकर नकद राशि दानदाताओं को लौटा दी थी।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग को राजनीतिक गतिविधियों के नाम पर मिले चंदे का कोई पारदर्शी उपयोग नहीं मिला। इसके बजाय, यह पैसा कथित तौर पर कमीशन लेकर नकद वापस कर दिया जाता था और इसके लिए फर्जी रसीदें और दस्तावेज तैयार किए जाते थे। यह घोटाला आयकर छूट के गलत दावों के माध्यम से कर चोरी के एक संगठित तंत्र का हिस्सा था।
इस छापेमारी के दौरान विभाग ने डिजिटल डिवाइसेज़, बैंक स्टेटमेंट, और कागजी दस्तावेजों को जब्त किया है, जिनकी जांच अभी जारी है। मेडिकल खर्च, बच्चों की ट्यूशन फीस, मकान किराया आदि के फर्जी बिलों के आधार पर किए गए टैक्स क्लेम की भी पड़ताल की जा रही है।
इस घोटाले में कई सीए, टैक्स सलाहकार, और बिचौलियों की भूमिका की जांच की जा रही है। आयकर विभाग का अगला कदम उन करदाताओं पर कार्रवाई करना होगा जिन्होंने बोगस डोनेशन दिखाकर टैक्स छूट ली।
राजनीतिक दलों की ऐसी भूमिका से यह सवाल उठता है कि क्या चंदे के नाम पर चुनाव सुधारों की अनदेखी हो रही है और क्या राजनीतिक दलों की फंडिंग प्रक्रिया पर और सख्ती आवश्यक है।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved