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July 15, 2025
जयपुर के प्रतिष्ठित महारानी कॉलेज परिसर में बनी मजार को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मंगलवार को धरोहर बचाओ संघर्ष समिति ने कॉलेज के बाहर सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ कर प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की और मजार को अवैध बताते हुए उसे हटाने की मांग दोहराई। समिति ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर 18 जुलाई को आने वाली प्रशासनिक जांच रिपोर्ट उनके पक्ष में नहीं आई, तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
समिति के अध्यक्ष भारत शर्मा ने कहा कि जब कॉलेज की स्थापना हुई थी, तब वहां किसी प्रकार की मजार नहीं थी। ऐसे में कैंपस में तीन मजारों का निर्माण न केवल अवैध है बल्कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने इसे "लैंड जिहाद" और "लव जिहाद" की साजिश करार देते हुए कहा कि यदि इसे नहीं रोका गया, तो भविष्य में कॉलेज परिसर एक समुदाय विशेष का धार्मिक स्थल बन जाएगा, जिससे छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि जिस परिसर में पुरुषों की एंट्री प्रतिबंधित है, वहां मजारों का निर्माण कैसे और कब हो गया? भारत शर्मा का आरोप है कि यह सरकारी ज़मीन को वक्फ घोषित करवाने की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कॉलेज को फिर से केवल शैक्षणिक गतिविधियों तक सीमित करने की मांग की।
गौरतलब है कि महारानी कॉलेज राजस्थान यूनिवर्सिटी का एकमात्र गर्ल्स कॉलेज है, जहां 6000 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं और परिसर में चार गर्ल्स हॉस्टल भी हैं। हाल ही में कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने मजार को "पुरानी" बताते हुए विवाद को तूल न देने की बात कही थी, जबकि भाजपा विधायक गोपाल शर्मा और बालमुकुंद आचार्य ने मजार को शैक्षणिक भूमि से हटाने की मांग की थी। विवाद के चलते जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की है, जो 18 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
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