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अजमेर न्यूज़: जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित, लू एवं तापघात प्रबंधन पर दें विशेष ध्यान - जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु

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April 23, 2025

गर्मी से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिए आपातकालीन किट तैयार रखें। इसमें ओआरएस,जीएनएस,जीडीडब्ल्यू, रिंगरलेक्टेट फ्लूड एवं आवश्यक जीवनरक्षक दवाएं होनी चाहिए।

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित
लू एवं तापघात प्रबंधन पर दें विशेष ध्यान - जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु
         अजमेर, 23 अप्रैल। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु की अध्यक्षता में जेएलएन आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में बुधवार को किया गया। इसमें लू एवं तापघात प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश प्रदान किए गए। 
         जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने कहा कि गर्मी के मौसम में लू एवं तापघात से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या बढ़ाना स्वाभाविक है। इसके लिए चिकित्सा विभाग को अग्रिम व्यवस्थाएं कर लेनी चाहिए। ब्लॉक स्तर तक नोडल अधिकारी की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जाए। उपखण्ड स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित होने के साथ ही नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। नियंत्रण कक्ष के नम्बर का व्यापक प्रचार-प्रसार हो। समस्त स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया जाना चाहिए। इस टीम के द्वारा गर्मीजनित बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों का तुरन्त उपचार आरम्भ किया जाएगा।
         उन्होंने कहा कि समस्त चिकित्सा संस्थानों में लू एवं तापघात के रोगियों के उपचार के लिए पलंग आरक्षित रखे जाने आवश्यक है। आरक्षित पलंगों एवं वार्डों में पंखे तथा कूलर की स्तरीय व्यवस्था होनी चाहिए। चिकित्सा संस्थानों के खराब पंखे, कूलर, वाटर कूलर एवं एसी की मरम्मत मेडीकेयर रिलीफ सोसायटी के माध्यम से करवाई जाए। चिकित्सालयों में मरीजों तथा परिजनों के लिए शुद्ध एवं शीतल पेयजल हमेशा उपलब्ध रहे। वाटर कूलर के अभाव में मटकी भरकर रखी जा सकती है। 
         उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में गर्मी से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिए आपातकालीन किट तैयार करके रखें। इसमें ओआरएस, ड्रिपसेट, जीएनएस, जीडीडब्ल्यू, रिंगरलेक्टेट (आरएल) फ्लूड एवं आवश्यक जीवनरक्षक दवाएं होनी चाहिए। चिकित्सालयों में आवश्यक समस्त दवाएं पर्याप्त मात्रा में हो। नरेगा कार्यस्थल पर लू एवं तापघात से बचाव के बारे में जागरूक करने के साथ ही ओआरएस का वितरण भी किया जाए। 
         उन्होंने कहा कि निक्षय पोषण योजना के माध्यम से सत् प्रतिशत व्यक्तियों को लाभान्वित कराने के लिए प्रयास करें। आयुष्मान कार्ड का वितरण भी पूर्ण हो। आवश्यक दवाओं की मांग तुरन्त की जानी चाहिए। मरीजों की ओपीडी पर्ची को तत्काल चढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए ऑपरेटर के अलावा अन्य व्यक्ति को भी प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के अन्तर्गत आउटडोर के अनुपात में जांच कराई जाए। जांच की ऑनलाईन एण्ट्री प्रतिदिन होनी चाहिए। 
         उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान स्तर पर रेंकिंग से सम्बन्धित बिन्दुओं की प्रति सप्ताह समीक्षा होनी चाहिए। इससे जिले की रैंकिंग में सुधार आएगा। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ऑनलाईन रिपोर्टिंग तत्काल होनी चाहिए। दिव्यांग प्रमाण पत्र की पेंडेन्सी नहीं रहनी चाहिए। 
         मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्स्ना रंगा ने समस्त चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि हाई रिस्क डिलीवरी महिलाओं को प्रसव के लिए मा वाउचर जारी कर परिवहन सुविधा प्रदान करवाते हुए ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करे। इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। केपीआई के तहत चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समस्त मापदण्डानुसार प्रतिमाह मूल्यांकन किया जाए एवं जिले की प्रगति में सुधार करें।
          बैठक में डॉ. रंगा द्वारा जिले के समस्त बीसीएमओ तथा चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वे एनक्यूआस में उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर पीएचसी एवं सीएचसी की सुविधाओं में गुणात्मक सुधार करें। ज्यादा से ज्यादा संस्थानों को राज्य स्तर से मान्यता के लिए तैयार करवाए। शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर अपने चिकित्सा संस्थान पर उपयोग अनुसार वार्षिक दवा की मांग राज्य स्तर से प्रदत्त लिंक पर चढ़ाया जाना सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थान गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच के लिए मा वाउचर समय पर जारी किया जाना, समय पर एएनसी एवं इससे संबंधित समस्त सुविधाएं, परिवार कल्याण की सुविधा, एनसीडी कार्यक्रम के तहत 30 प्लस की जाँच इत्यादि किए जाने पर जोर दिया जाए। साथ ही मौसमी बीमारियों को देखते हुए समस्त उपकरणों की क्रियाशीलता, आरक्षित बेड, कूलर, एसी की क्रियाशीलता को सुनिश्चित किए जाने के निर्देश प्रदान किए गए। 
         अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ. रामलाल चौधरी द्वारा एनक्यूआस के विभिन्न चरणों से जिले के सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को अवगत कराया गया। परिवार कल्याण के क्षेत्र हाई डिलीवरी वाले चिकित्सा संस्थान ज्यादा से ज्यादा प्रसूताओं की सहमति प्राप्त कर पीपीआईयूसीडी लगाना सुनिश्चित करें। इससे अनचाहे गर्भधारण से महिला को बचाया जा सके।
         जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश गुप्ता ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय रोग निवारण एवं निदान पर बल दिया गया। सीवी नॉट एवं ट्रूनॉट पर स्पूटम जाँच किए जाने के लिए पाबन्द किया गया। इससे जिले में उपलब्ध मशीनों पर ज्यादा से ज्यादा सैम्पल की जाँच करवाई जा सके। सैम्पल के संग्रह करने में एएनएम, आशा तथा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी का सहयोग लिया जाना चाहिए। 
         उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामस्वरूप किराड़िया द्वारा सिलकोसिस के लिए रेडियोलॉजिकल जाँच समय पर किए जाने के निर्देश प्रदान किए। प्रभारी जिला औषधि भण्डार डॉ. मोहित देवल द्वारा मौसमी बीमारियों के मद्देनजर दवाओं के पर्याप्त भण्डारण की सुनिश्चितता पर जोर दिया गया। इससे आवश्यकतानुसार आमजन को समस्त दवाएं उपलब्ध हो सके।
         बैठक में चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. एस.एस. जोधा, जिले के समस्त पीएमओ, बीसीएमओ, बीपीएम तथा चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों, विभिन्न कार्यक्रमों के अधिकारी एवं समन्वयकों ने भाग लिया।


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