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November 6, 2024
जयपुर जिले की एडीजे-4 कोर्ट ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। यह प्रार्थना पत्र सांवरमल चौधरी द्वारा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भजनलाल शर्मा विदेश यात्रा पर जाने से पहले कोर्ट की अनुमति लेने में विफल रहे हैं। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार करते हुए इसे "पोषणीय नहीं" माना और कहा कि इस मामले में प्रार्थी का कोई सीधा हित प्रभावित नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गोपालगढ़ दंगा मामले में अग्रिम जमानत पर हैं। कोर्ट ने जमानत देते समय शर्त रखी थी कि वे विदेश यात्रा पर जाने से पहले अदालत की अनुमति प्राप्त करेंगे। इसके बावजूद, भजनलाल शर्मा दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर बिना अनुमति के चले गए, जिसके बाद सांवरमल चौधरी ने कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि प्रार्थी इस मामले में पीड़ित नहीं है और उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि सांवरमल चौधरी एक प्राइवेट व्यक्ति हैं, जिनका इस मामले से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। इस आधार पर अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
मुख्यमंत्री शर्मा की ओर से अधिवक्ता अश्विनी बोहरा ने कोर्ट में उनका पक्ष रखते हुए प्रार्थना पत्र का विरोध किया और बताया कि प्रार्थी इस मामले में एक बाहरी व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र का मकसद केवल कानूनी प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से प्रभावित करना है।
इस फैसले के बाद सीएम भजनलाल शर्मा को राहत मिली है। कोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बिना प्रत्यक्ष हित के किसी भी मामले में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
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