Post Views 81
November 6, 2024
अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हिंदू मंदिर होने के दावा मामले ने हुई सुनवाई,
अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायधीश ने दायर बाद को हिंदी में प्रस्तुत करने के दिए आदेश,25 नवंबर को दी गई मामले में अगली तारीख,
दावे के ड्राफ्ट को हिंदी में ट्रांसलेट करने सहित अन्य कमियों को दूर करने के दिए निर्देश,
अजमेर की दरगाह नहीं, शिव भगवान का मंदिर है, एएसआई से सर्वे कराने की मांग को लेकर जिला न्यायालय के समक्ष वादी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने जो वाद दायर किया था उसमें बुधवार को सिविल न्यायालय पश्चिम में सुनवाई हुई।सुनवाई के दौरान जिला जज द्वारा दायर याचिका की पत्रावली को पढ़ा गया जो की इंग्लिश में थी उस पर न्यायाधीश ने वादी को 25 तारीख से पहले दायर याचिका को हिंदी में अनुवाद करने के साथ ही उसमें पाई गई कुछ कमियों को दूर करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
याचिका कर्ता हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि वह दिल्ली से आए हैं उन्हें यहां की अदालतों के कामकाज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए पहले पहले गलत अदालत में वाद दायर किया गया इसके बाद मिले निर्देश के बाद सही अदालत में वाद दायर किया गया है लेकिन वाद इंग्लिश में होने की वजह से उसे हिंदी में अनुवाद कर दायर करने की निर्देश मिले जिनकी पालना 25 तारीख से पहले कर ली जाएगी। गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से देश भर में मुगलकालीन मस्जिदों में हिंदू धर्म की पूजा स्थल होने का दावा किया जा रहा है जिसे लेकर बनारस की ज्ञानव्यापी, मथुरा की मस्जिद सहित कई अलग-अलग स्थलों पर एएसआई द्वारा सर्वे का कार्य जारी है। वहीं अब अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भी संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा उनकी ओर से किया गया है।याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने बताया कि अजमेर की इस पावन धरा पर ढाई दिन का झोपड़ा, ख्वाजा साहब की दरगाह है जहां पर पुरातन काल के समय हिंदू और जैन मंदिर हुआ करता था इसके साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं और अदालत से मांग कर रहे हैं कि इस जगह का भी एएसआई सर्वे कराया जाए ताकि अन्य धार्मिक स्थलों की तरह इसकी भी स्थिति साफ हो सके।
© Copyright Horizonhind 2024. All rights reserved