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June 15, 2024
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षान्त समारोह का भव्य आयोजन
राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने समारोह में 45 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक तथा 165 पीएचडी, 98 हजार 979 उपाधियां वितरित की
शनिवार को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षान्त समारोह के भव्य आयोजन की अध्यक्षता राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने की। वहीं मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा व जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला आदि मौजूद रहे।समारोह में 45 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक तथा 165 पीएचडी, 98 हजार 979 उपाधियां वितरित की गई। इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र का विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने यहां संविधान पार्क का लोकार्पण भी किया। करीब 2.5 करोड़ से बने पार्क में संविधान की उद्देशिका, पट्टिकाएं, प्रतिमा व अन्य निर्माण हुए हैं। इनमें संविधान निर्माताओं की प्रतिमा भी लगाई गई है। इसके बाद वे सभागार में पहुंचे। राष्ट्र गान के बाद सरस्वति वंदना की गई।राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की उद्देशिका पर सम्बोधित किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल मिश्र ने कहा कि सबसे पहले बेटियों को बधाई देता हूं, जिनकी संख्या ज्यादा रही। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक 46 थे, इसमें 25 यानि 55 फीसदी छात्राएं रही। इसी प्रकार पीएचडी में 165 में 89 छात्राएं यानि 54 प्रतिशत रही। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती के बारे में भी विस्तार से बताया। उनके बताए आदर्श को जीवन में उतारने का आह्वान किया। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि हमें नई शिक्षा नीति में अनुसंधान व शोध पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही रोजगार पैदा करने की क्षमता रखने वाली शिक्षा हो। शिक्षा ऐसी हो, जिसमें बेहतर मानव संसाधन तैयार हो। युवा शक्ति मेक इन इंडिया की तरफ आगे बढ़े। प्राचीन ज्ञान पर ध्यान दे और गुलामी की मानसिकता वाली शिक्षा से बाहर निकले। युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास की राह आसान हो। ज्ञान के साथ अर्थ का भी योग हो।
विधानसभा अध्यक्ष व अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा से जीवन को कितना सार्थक कर सकते है, इस पर चिंतन जरूरी है। आज शिक्षित अधिक व दीक्षित कम है। भारत विश्व गुरु बनेगा और इसके लिए जीवन में कुछ मूल्य जरूरी है। राष्ट्र प्रथम का भाव जगाने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम से यूनिवर्सिटी में भवन भी महापुरुषों के नाम से है, जो अनूठा है। उन्होंने पहले कुलपति पुरुषोत्तम चतुर्वेदी को भी याद किया। साथ ही नई शिक्षा नीति की सराहना की।
इसके अलावा समारोह को उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बेरवा और जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने भी संबोधित किया।
समारोह में राज्यपाल ने सबसे पहले पीएचडी धारको को प्रमाण पत्र सौंपे। राज्यपाल मिश्र ने सभी से आग्रह किया कि वाणी, चर्या व व्यवहार से अपने आपको उपाधि के योग्य साबित करेंगे। समारोह में 45 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक तथा 165 पीएचडी, 98 हजार 979 उपाधियां वितरित की गई।
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