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June 11, 2022
माकड़वाली रोड भक्ति धाम स्थित चारण साहित्य शोध संस्थान में 9 जून स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार सुबह 11:00 बजे से 5 सत्रों में परिचर्चा एवं प्रस्ताव, पुस्तकों का विमोचन, चारण साहित्य में स्वातंत्रय व चेतनाद्य विषय पर संगोष्ठी के साथ ही चारण साहित्य प्रकाशन एवं आऊवा सत्याग्रह इतिहास पर चर्चा की गई। समारोह के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पद्मश्री सीपी देवल रहे जबकि अध्यक्षता राष्ट्रीय धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने की, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में देव कोठारी, पुष्प दान गढवी, भंवर सिंह सांदू व भवानी सिंह पालावत मौजूद रहे। इस दौरान पद्मश्री सीपी देवल द्वारा संपादित सांवालदान आशिया कृत, महाभारत रूपक पुस्तक व ओंकार सिंह लखावत द्वारा संपादित मुंशी देवी प्रसाद गुप्त कृत चारण चमत्कार पुस्तक का विमोचन किया गया। चारण साहित्य शोध संस्थान के ओंकार सिंह लखावत ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने की आवश्यकता पर परिचर्चा एवं प्रस्ताव के साथ ही संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके अलावा चारण साहित्य प्रकाशन एवं आऊवा सत्याग्रह इतिहास पर भी चर्चा की गई है। कवि लोकेश चारण ने बताया कि चारण समारोह 2022 के अंतर्गत सभी ने मिलकर प्रयास किया है कि डिंगल और पिंगल भाषा में चारण साहित्य जिसका रामायण, महाभारत आदि में जिक्र है, उसे फिर से जन जन तक पहुंचाने के लिए युवाओं को जागृत करने के लिए और युवाओं को प्रेरणा देने के लिए हर वर्ष चारण समारोह का आयोजन किया जाता है।
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