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April 26, 2021
विदेश से मदद की पेशकश ब्रिटेन ने कहा- भारत हमारा मित्र देश,
इस मुश्किल वक्त में हम साथ खड़े हैं, EU और ईरान ने भी सहयोग का भरोसा दिया
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को मित्र देशों ने मदद की पेशकश की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार शाम एक बयान जारी किया। कहा- इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ खड़े हैं। हम लगातार भारत सरकार के संपर्क में हैं। भारत हमारा मित्र देश है और कोविड-19 के खिलाफ इस जंग में हम उसका पूरा साथ देंगे।
जॉनसन के बयान के कुछ देर बाद ब्रिटेन सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। कहा- भारत को तुरंत 600 मेडिकल इक्विपमेंट्स भेजे जा रहे हैं। इनमें ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स और वेंटिलेटर्स शामिल हैं। दूसरी तरफ, बुर्ज खलीफा को भारतीय तिरंग के रंग में रंगा गया। इसके जरिए भारत के साथ खड़े होने का संदेश दिया गया।
फ्रांस और जर्मनी भी मदद को तैयार
भारत में मेडिकल ऑक्सीजन कैपेसिटी बढ़ाने के लिए फ्रांस और जर्मनी ने तैयारी कर ली है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने इसे मिशन सपोर्ट इंडिया नाम दिया है। उन्होंने कहा- महामारी से हम सब जंग लड़ रहे हैं। हम भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। हमने इसके लिए तैयारी कर ली है। फ्रांस ने भी इसी तरह का बयान जारी किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा कि वो भारत की हरसंभव मदद करेंगे।
सिंगापुर ने मदद भेजी
सिंगापुर सरकार ने रविवार शाम एक शिपमेंट भारत के लिए रवाना किया। इसमें ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स और दूसरे मेडिकल इक्विपमेंट्स शामिल हैं। यहां सामान एयर इंडिया की एक स्पेशल फ्लाइट के जरिए भारत रवाना किया गया है। दो दिन पहले सिंगापुर सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था।
यूरोपीय यूनियन भी मदद को तैयार
यूरोपीय कमीशन की कमीशन उर्सला वॉन डेर लिन ने रविवार शाम कहा- भारत में महामारी से पैदा हुए हालात को लेकर हम चिंतित हैं। इस मुश्किल वक्त में यूरोपीय यूनियन भारत को फौरन मदद करने जा रही है। यूरोपीय यूनियन में शामिल देशों के बीच एक समझौता है। इसके तहत वे इमरजेंसी में अपने सहयोगी देशों को मदद दे सकते हैं और इसका फैसला यूरोपीय कमीशन का अध्यक्ष कर सकता है।
ईरान ने कहा- तकनीकी सहयोग के लिए तैयार
ईरान के हेल्थ मिनिस्टर सईद नामाकी ने भारत के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन को एक पत्र लिखा। इसमें कहा कि उनका देश भारत को तकनीकी मदद देने के लिए तैयार है। नामाकी ने कहा- इस मुश्किल वक्त का सामना मिलकर ही किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना ईरान पर लगे प्रतिबंधों का भी जिक्र किया। कहा- अगर महामारी से निपटना है तो बिना किसी भेदभाव और प्रतिबंधों के काम करना होगा। सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को साथ आना होगा।
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