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April 19, 2021
फ़िलहाल तो 3 मई तक रहना होगा सरकारी गाईड़ लाइन में
स्वः अनुशासन से ही निकलता है कोरोना से निबटने का रास्ता_
गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना हो सकता है जानलेवा, सख़्त रहने की ज़रूरत_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार सोच समझकर कर्फ्यू 3 मई तक बढाने का फ़ैसला किया है। लोग डरे हुए थे कि कहीं लॉकडाउन की अवधि बढ़ा न दी जाए । वीकेंड लॉकडाउन कहीं मंथ एंड में तब्दील ना हो जाए ।कर्फ्यू लगाया जाना बेहद ज़रूरी है मगर इसका फायदा तभी मिलेगा जब प्रशासन सख्त हो और जनता अनुशासित। दोनों ने ही ढील देकर देख लिया कि कोरोना किस कदर बढ़ गया है ।मौत निर्वस्त्र होकर खेला खेल रही है।
मैंने अपने कल के ब्लॉग में जिले में हो रही मुनाफाखोरी पर चिंता व्यक्त की थी ।कालाबाजारी और ऊंची दरों पर सामान बेचने वालों तथा स्टोरेज करने पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था।
मुझे खुशी है कि संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने तत्काल उस पर कार्रवाई करते हुए अजमेर में कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी है। कालाबाजारी की शिकायतें अब जिले की जनता फोन नंबर 01452 627 391 तथा सहायक सहायक नियंत्रक मनीष भटनागर के मोबाइल नंबर 93525 03495 तथा एलएमटी भावना दयाल के मोबाइल नंबर 94625 12352 पर दर्ज करा सकते हैं।
श्री राज पुरोहित जी के इस निर्णय पर मैं जनता की तरफ से उनका आभार व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री ने आने वाले दिन जनता को सुपुर्द किए हैं ।उन्होंने जनता से उम्मीद की है कि वह कोरोना की बढ़ती रफ्तार को ध्यान में रखते हुए स्वयं अनुशासित होकर गाइडलाइन का पालन करेगी। यद्वपि उन्होंने स्वयं अनुशासन की बातें की हैं मगर प्रशासन को सख़्ती के निर्देश भी दे दिए गए हैं। यह वही बात है कि क्लास में बच्चों को अपने आप चुप रहने की हिदायत दे दी जाए और मॉनिटर और टीचर को कह दिया जाए कि बच्चा यदि ज्यादा चूं चपड़ करे तो मसाज करने में चूक ना करें।
सड़कों पर पुलिस फिलहाल तेल लगे डंडों का उपयोग नहीं कर रही। जिला पुलिस कप्तान जगदीश चंद्र शर्मा की तरफ से अभी डंडे बाज़ी का इशारा नहीं हुआ है। जिले भर में पुलिस हाई अलर्ट पर है ।वर्दीधारी खद्दर धारियों से बेहतर साबित हो रहे हैं ।
मैंने कल शास्त्री नगर पर एक दृश्य देखा ।पुलिस वालों ने कार को रोक लिया था। कार में एक पुरुष दो महिलाएं बैठी हुई थीं। पुलिस वालों को जब बताया गया कि कार में बैठी एक महिला गर्भवती है और उसे जनाना अस्पताल ले जाया जा रहा है तो पुलिस वालों ने मानवता दिखाते हुए उन्हें जाने की इजाज़त दे दी, पर तभी एक पुलिस वाले की पैनी नज़र बैठी
पुलिस वाले ने तुरंत उन्हें रोककर अस्पताल की पर्ची या वे दस्तावेज़ मांगे जो गर्भवती महिलाओं के पास होने चाहिए। महिलाओं के पास कुछ नहीं मिले ।पुलिस वाला चाहता तो सख्ती से पेश आ सकता था मगर बेहद शालीनता से उसने कहा कि मैडम आप जनाना अस्पताल चलिए मैं भी साथ चलता हूं। अपनी मोटरसाइकिल से ।अस्पताल पहुंचकर सच्चाई का पता चल जाएगा।
मजेदार बात यह हुई कि जो व्यक्ति कार चला रहा था वह नीचे उतरा ।उसने माफी मांगी और झूठ बोलने के लिए खेद व्यक्त किया
मुझे अच्छा तब लगा जब पुलिस वाले ने उन्हें माफ करते हुए वापस घर जाने की बात कह कर छोड़ दिया।
इस घटना की जानकारी यहां आपको इसलिए दे रहा हूं कि घर से बाहर ना निकलें। यदि निकलें तो पुख्ता कारणों से निकलें। बाहर निकलने के कारणों के सबूत भी आपके पास होने चाहिए। झूठ बोलकर पुलिस को गुमराह करना खतरनाक हो सकता है ।
यहां गर्भवती महिलाओं की बात चल गई है तो आपको बता दूं कि गहलोत द्वारा हाल ही में जो ताज़ा गाइडलाइन जारी की गई है उसमें गर्भवती महिलाओं को कर्फ्यू में विशेष छूट दी गआई सी एम आर के मुताबिक गर्भावस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और यही वजह है कि गर्भवती महिलाएं संक्रमण का शिकार हो जाती हैं। यहां आपको बता दूं कि गर्भधारण के 26 वें से 28 वें सप्ताह के बीच महिलाओं को सबसे ज्यादा संक्रमण का ख़तरा होता है ।ऐसी महिलाओं से आग्रह है कि वे घर से बाहर जाने से पहले सौ बार सोच लें।
आपको यह भी बता दूं कि 2020 से 2021 के बीच गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले 3 गुना बढ़े हैं । कोरोना काल में गर्भवती महिलाएं बेचैनी, अनिद्रा और डिप्रेशन में 72% ज्यादा प्रभावित हुई हैं। यह भी एक सत्य है कि 34% महिलाएं कोरोना काल में मां बनने की योजना को टालना चाहती हैं।
शोधकर्ता की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को कोई भी समस्या हो सकती है, जिसका सही इलाज़ अभी उपलब्ध नहीं। विकृत बच्चों के पैदा होने की आशंका कोरोना काल में सबसमित्रों!! हो सकता है आप सोचें कि मैं कहां जनाना समस्याओं को लेकर बैठ गया, मगर मैं आपको बता दूं कि महिलाओं को कोरोना काल में हैंडल विद केयर के साथ रखना चाहिए। पुरुष आर्थिक प्रबंधन को लेकर जिन परेशानियों में होते हैं वे अक्सर आक्रामक हो जाते हैं।इससे महिलाओं व बच्चों के साथ उनका व्यवहार कभी-कभी अमानवीय हो जाता है।
मेरी हाथ जोड़ कर प्रार्थना है कि कृपया जब घर पर रहें तो बच्चों और पत्नी के साथ संतुलित व्यवहार करें। माता-पिता को बोझ
यह समय बुरा सिर्फ आपके लिए ही नहीं ! सबके लिए है ! इस बुरे समय को समझदारी से बिताने में ही भलाई है ।मान कर चलिए कि आपकी परेशानी में आपका परिवार ही आपको सांत्वना और तसल्ली दे सकता है ।
आगे आने वाले समय में फिलहाल तो अच्छी सूचनाएं मिलने की कोई संभावना नहीं! बस धैर्य रखें! खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान दें ! जहां तक हो सके घर से बाहर ना निकले ! बाकी तो ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ।सबको सन्मति दे भगवान।
चलते चलते शिक्षक नेता और मित्र विजय सोनी की तरफ से एक ज़रूरी सूचना।
सभी सरकारी और निजी स्कूल्स में 3 मई तक रहेगा अवकाश। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने निदेशक सौरभ स्वामी को आदेश जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।, कई जिलों में खुले स्कूलों पर उन्होंने ,जिला कलेक्टरों पर नाराजगी जताई है।
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