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December 8, 2020
एक महिला सैन्य अधिकारी सहित भारत के 800 शांति सैनिकों का संयुक्त राष्ट्र संघ के दक्षिण सूडान शांति मिशन में योगदान के लिए मेडल देकर सम्मान बढ़ाया गया है। यहां के राज्य समन्वयक इनोस कूमा ने कहा कि भारतीय शांति सैनिकों ने नील नदी के ऊपरी भाग में न केवल भारत, बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ के भी सच्चे शांतिदूत की तरह काम किया।
संयुक्त राष्ट्र के दक्षिण सूडान मिशन ने बताया कि इन 800 भारतीय शांति सैनिकों में इंजीनियरिंग अधिकारी मेजर चेतना एकमात्र महिला सैन्य अफसर के तौर पर शामिल हैं। उनकी 21 सदस्यीय टीम ने क्षेत्र में सैनिकों को बिजली, जन सुविधाओं और पेयजल आपूर्ति के लिए हो रहे कार्यों की देखरेख की।
नील नदी से पानी की आपूर्ति से लेकर क्षेत्र में पशुपालन के विकास के लिए भी योगदान दिया। यह मिशन कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन से बने मुश्किल हालात में किया गया। दक्षिण सूडान में भारत के राजदूत एसडी मूर्ति ने दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण संबंधों के मजबूत होने की बात कही। अक्तूबर 2020 में भारत के 2340 सैनिक संयुक्त राष्ट्र के मिशन में तैनात हैं। यह रवांडा के बाद सबसे बड़ी संख्या है।
टीवी पर परेड देखकर सेना की ओर हुई प्रेरित
मेजर चेतना की ओर से कहा गया कि वे पुरुष सैन्य अधिकारियों से भिन्न नहीं हैं, उनके साथ बराबरी का व्यवहार होता है। उन्हाेंने उम्मीद जताई कि दक्षिण सूडान में उनके कार्यकाल से सूडान की लड़कियों को प्रेरित होने का अवसर मिलेगा। वे खुद भी बचपन में टीवी पर परेड देख कर सेना में जाने के लिए प्रेरित हुईं
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