For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 101959392
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: अजमेर डेयरी अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी को इण्डियन डेयरी एसोसिएशन फैलोशिप अवार्ड मिलने पर सम्मान के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया । |  Ajmer Breaking News: रसद विभाग द्वारा घरेलू एलपीजी सिलेण्डरों के अवैध उपयोग की सूचना पर श्रीनगर  क्षेत्र में घरेलू गैस सिलेण्डरों की धरपकड़ का अभियान चलाया गया। |  Ajmer Breaking News: जिला स्तरीय एनसीओआरडी समिति की बैठक आयोजित |  Ajmer Breaking News: भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी ने गुरूवार को विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर सर्वे रिसर्वे के संबंध में जानकारी ली। |  Ajmer Breaking News: पुष्कर में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन, भक्तिभाव में डूबी पवित्र नगरी |  Ajmer Breaking News: भैरव धाम राजगढ़ पर श्रद्धा और उल्लास के साथ भरा छठ मेला |  Ajmer Breaking News: सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर भावना भड़काने और अभद्र कमेंट और पोस्ट डालने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की मांग, |  Ajmer Breaking News: भारत सरकार द्वारा पारित वित्त विधेयक 2025 के भाग 4 में पेंशन संशोधित कानून के विरोध मे पेशनर्स एसोसिएशन राजस्थान के कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, |  Ajmer Breaking News: जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने परिपक्व हुई राज्य बीमा पॉलिसी का किया पेमेंट इनिशिएट |  Ajmer Breaking News: ब्यावर में गैस रिसाव की दुखान्तिका, मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने घायलों की जानी कुशलक्षेम | 

विशेष: भैया दूज की कथा ,महत्व एवं पूजन विधि

Post Views 951

October 30, 2020

बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं

                                                       

  भाई दूज

भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला पर्व है। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार भेंट करता है। भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी होता है। 


पूजन विधि

सुबह उठकर स्नान कर तैयार हो जाएं। सबसे पहले बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। इसके बाद बहन अपने भाई को घी और चावल का टीका लगाती हैं। फिर भाई की हथेली पर सिंदूर, पान, सुपारी और सूखा नारियल यानी गोला भी रखती हैं। फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधा जाता है और उनका मुंह मीठा किया जाता है। इसके बाद बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है। भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।

भैया दूज कथा 

भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजया।

यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।

यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।



© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved