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October 28, 2020
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लामिक आतंकवाद पर दिए गए बयान को लेकर पाकिस्तानी संसद में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक और प्रस्ताव पेश करते हुए अपने राजदूत को फ्रांस से वापस बुलाने की बात कही। इसके बाद उनके इस प्रस्ताव पर सबने सहमति जताई जिस राजदूत को वापस बुलाने के लिए पाकिस्तान ने प्रस्ताव पास किया वह फ्रांस में है ही नहीं। पिछले तीन महीनों से फ्रांस में पाकिस्तान का कोई राजदूत ही तैनात नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री को इस बात की जानकारी न होना हैरान करने वाला है। आपको बता दें कि तीन महीने पहले फ्रांस में पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर मोइन-उल-हक थे। बाद में उन्हें सरकार ने तबादला कर चीन में पाकिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया था। उसी वक्त से फ्रांस में पाकिस्तान का कोई राजदूत नहीं है।
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