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July 10, 2025
गुरु पूर्णिमा पर गुरु भक्ति में रंगा पुष्कर, मठ-मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सरकार ने किया संतों का सम्मान
पुष्कर।
जगतपिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर शनिवार को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरु भक्ति में सराबोर नजर आई। मठ-मंदिरों से लेकर घाटों तक, हर ओर श्रद्धा, भक्ति और गुरु वंदन की गूंज सुनाई दी। भक्तों ने अपने-अपने गुरुजनों की पादुका पूजन कर आशीर्वाद लिया और जीवन में मार्गदर्शन की कामना की।
पुष्कर के हनुमान गली पर स्थित रघुनाथ शाह मंदिर में पुजारी पंडित कैलाशनाथ ने सैकड़ों भक्तों को गुरु दीक्षा दी। पूरे घाट क्षेत्र में वैदिक मंत्रों की गूंज और श्रद्धालुओं की आस्था का दृश्य अलौकिक नजर आया।
पारीक भवन में राष्ट्रीय संत कृष्णानंद महाराज के सान्निध्य में भजन-कीर्तन और प्रवचनों का आयोजन हुआ। प्रवचन के दौरान उन्होंने गुरु को परमात्मा से भी बड़ा बताया और भक्तों को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने संत की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
राम सखा आश्रम में महामंडलेश्वर नंदशरण जी महाराज के सान्निध्य में विशेष कार्यक्रम हुआ। यहां ब्रह्मस्वरूप रामभक्त श्री हनुमान जी की आरती के साथ गुरुजनों की विशेष पूजा की गई और गुरु महिमा के महत्व को विस्तार से बताया गया।
पुष्कर छोटी बस्ती स्थित संत भीकमदास जी के आश्रम में भी भक्तों का ताता लगा रहा । जहां शिष्यों ने अपने गुरु को श्रीफल और माल का अर्पण कर गुरु शिष्य के पावन पर्व को मनाया ।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार ने भी गुरु पूर्णिमा के पर्व पर प्रदेशभर के 507 संतों, महंतों और पुजारियों का सम्मान किया। पुष्कर में कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने महंत हनुमानदास उदासीन, महंत अभिराम, महंत बालकिशन दास और महामंडलेश्वर नंदशरण महाराज को माला, शॉल, श्रीफल और 2100 रुपए दक्षिणा के साथ मुख्यमंत्री का वंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह आयोजन पुष्कर की आध्यात्मिक परंपरा को और अधिक जीवंत कर गया, जहां श्रद्धा, सेवा और गुरु-भक्ति के समर्पण ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है।
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