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July 10, 2025
अगर किसी को अपने पहचान के डॉक्यूमेंट दे रहे हैं तो सावधान, स्कैमर्स की गैंग भोले भाले लोगों को बना रहे है शिकार,
आपके डॉक्यूमेंट से फर्जी कंपनी खड़ी करके करोड़ों रुपए का किया जा रहा है लेनदेन, ऐसे ही मामले में अजमेर में एसपी ऑफिस पहुंचे दो पीड़ित, लगाई गुहार
सोशल मीडिया के समय में जहां स्कैमर्स लोगों को अलग-अलग तरीके से अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं तो वहीं अब एक नया मामला भी सामने आया है जिसमें भोले भाले लोगों के पहचान डॉक्यूमेंट के आधार पर फर्जी कंपनियां खड़ी करके करोड़ों रुपए का लेनदेन किया जा रहा है और उसका कोई टैक्स भी सरकार को नहीं दिया जा रहा । जब ऐसी कंपनियां सरकार की संज्ञान में आती है तो जिस व्यक्ति के नाम से कंपनी खड़ी की गई है सरकार और पुलिस उसके ऊपर कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी कर देती है। ऐसे में भोला भाला इंसान दर-दर की ठोकरे खाने और अपनी जान की भीख मांगने को मजबूर हो जाता है।
ऐसे ही अजमेर जिले के रहने वाले दो किसानों के डॉक्यूमेंट से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। दोनों युवकों के डॉक्यूमेंट से अकाउंट खोलकर 144 करोड़ 26 लाख रुपए का लेनदेन किया गया। दोनों पीड़ितों की ओर से संबंधित थाने में शिकायत दी गई। लेकिन स्थानीय पुलिस ने शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल कर कार्रवाई करने की बजाय इति श्री कर ली।
लेकिन इनकम टैक्स ओर जीएसटी डिपार्टमेंट उनका पीछा नहीं छोड़ रहा, लगातार नोटिस ओर कानूनी कार्रवाई की धमकियों से घबराए पीड़ित न्याय ओर सुरक्षा की फरियाद लेकर पुलिस ओर प्रशासन के देवरे धोकने को मजबूर हैं।
गुरुवार को दोनों पीड़ित एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी वंदिता राणा को अपनी पीड़ा से अवगत करवा कर कार्रवाई की मांग की ।
भिनाय निवासी ओमप्रकाश पुत्र गोपाल लाल गुर्जर ने बताया कि 28 जनवरी 2025 को उसके पास जीएसटी विभाग दिल्ली से एक नोटिस प्राप्त हुआ जो अंग्रेजी में होने कारण उसे समझ नहीं आया था। उसके बाद साइबर क्राइम बेंगलुरु से भी 24 फरवरी 2025 को एक और नोटिस प्राप्त हुआ।
इसके बाद उसने 21 अप्रैल 2025 को कोर्ट के जरिए बिजयनगर में मुकदमा दर्ज करवाया ।
पीड़ित ने बताया कि 30 मई 2025 को वापस उसके पास साइबर क्राइम बेंगलुरु से एक नोटिस प्राप्त हुआ। इस सारी घटना की उसे कोई जानकारी नहीं है। उसने केवल एक बार बिजयनगर निवासी चौथमल गुर्जर को मोटरसाइकिल लोन करने के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड ओर एक फोटो दी थी। उन डॉक्यूमेंट को उसने अभी तक वापस नहीं किया है। उसके डॉक्यूमेंट से आईडीपी बैंक में अकाउंट खुलवाया गया है। उस अकाउंट में 1 करोड़ 26 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है। जो उसके द्वारा नहीं किया गया है।
पीड़ित ने बताया कि उसने आईडीबी बैंक बिजयनगर शाखा में जाकर अकाउंट की जानकारी ली तो उसका मोबाइल नंबर नहीं था और ना ही उसकी ईमेल आईडी थी। जब उसने बाइक लोन के लिए फोटो खिंचवाई थी वही बैंक अकाउंट में लगी हुई थी। पीड़ित ने बताया वह कभी मुंबई गया नहीं तो किसने मुंबई जाकर बैंक खाता खुलवाया उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है। वह खेती करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करता है।
पीड़ित ने बताया कि उसे बार-बार सीआईडी पुलिस बेंगलुरु द्वारा बुलाया जा रहा है। लेकिन वह वहां नहीं जा सकता क्योंकि उसके पिता बुजुर्ग हैं और वह उनकी देखभाल करता है। बैंगलोर पुलिस उसके घर पर आ रही है। जिसके कारण वह करीब 10 दिन से घर भी नहीं जा पा रहा है। लगातार नोटिस मिलने के कारण पूरा परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है।
इसी तरह सरवाड़ जिला अजमेर निवासी रामराज चौधरी ने बताया कि उसे 3 अप्रैल को एक नोटिस आयकर विभाग की ओर से प्राप्त हुआ। जिसमें उसे जानकारी हुई कि उसके पैन कार्ड का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की गई है। पैन कार्ड से नीतिया एक्जिम नाम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में खोली गई।
जिसका कोटक महिंद्रा बैंक में खाता भी खोला गया जिसकी उसे कोई जानकारी नहीं है। ना ही उसने कभी कोटक महिंद्रा बैंक में कोई अकाउंट खुलवाया । पीड़ित ने बताया कि वह कभी मुंबई भी नहीं गया और उसके नाम से कोई फर्म नहीं बनवाई है। वह सिर्फ एक 12वीं पास किसान है। इस फर्जीवाड़े की जानकारी उसे नोटिस मिलने के बाद मिली थी। उसने अजमेर आयकर विभाग को इसकी जानकारी भी दी कि उसका कोई लेनदेन नहीं है और ना ही उसने कोई खाता और कंपनी खोली है। पीड़ित ने बताया कि उसके पैन कार्ड से दुरुपयोग कर फर्म बनाकर 143 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया। इतनी बड़ी राशि लेनदेन उसके लिए संभव है। इस फर्जीवाडे के कारण अब वह परेशान हो रहा जब वह इसकी शिकायत देने संबंधित थाने और साइबर थाने पहुंचा तो उसका कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। हार कर आज अजमेर एसपी वंदिता राणा को शिकायत देकर मामले में कार्रवाई करते हुए राहत पहुंचाने की मांग की है।
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