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राष्ट्रीय न्यूज़: सवालों के घेरे में करोड़ों का रिसर्च: किस वैक्सीन कंपनी को हुई है पीएम केयर फंड के 100 करोड़ से मदद?, स्वास्थ्य मंत्रालय

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September 13, 2020

आईसीएमआर ने नहीं दिया सवाल का जवाब

 सरकार ने घोषणा की थी कि पीएम केयर्स फंड से 100 करोड़ रुपए वैक्सीन रिसर्च पर खर्च किए जाएंगे। लेकिन ये किसे दिए गए जिम्मेदार ये नहीं बता रहे हैं। इसका खुलासा हुआ तेलंगाना के आईटी मिनिस्टर के डीओ लेटर से। हाल ही में वैक्सीन वितरण की योजना बनाने और आर्थिक मदद की स्थिति स्पष्ट करने के लिए तेलांगना सरकार के आईटी एवं उद्योग मंत्री केटीरामाराव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

भास्कर के पास इस डीओ लेटर की प्रति है। इस पत्र के बाद भास्कर ने भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से लेकर आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव से इस बारे में जानने की कोशिश की। हमने फोन पर उनसे संपर्क करने के अलावा उन्हें 1 सितंबर को ही ई-मेल भी कर दिया, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई।

वहीं आईसीएमआर दिल्ली के साइंटिस्ट एवं पीआरओ एलके शर्मा कहते हैं कि ‘हमारा भारत बायोटेक के साथ वैक्सीन पर रिसर्च चल रहा है। हमने भारत बायोटेक के एमडी के एक इंटरव्यू में देखा था कि उन्होंने फंड की डिमांड नहीं की है। लेकिन फंड रिलीज के बारे में हमें जानकारी नहीं है। आईसीएमआर तो सरकारी संस्था है उसे जो भी जरूरत होती है उसे सरकार पूरी करती है।’

वहीं हैदराबाद की जीनोम वैली (जहां कोविड वैक्सीन पर काम कर रहीं तीनों बड़ी कंपनियां है) के सीईयो शक्ति नागप्पन कहते हैं कि हम नीति आयोग से बात करने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार ने नीति आयोग के विनोद के पाॅल को नीति बनाने का काम सौंपा है लेकिन अभी तक कोई नीति नहीं बनी है। कंपनियों को भी नहीं पता कि वैक्सीन सरकार खरीदेगी या क्या पॉलिसी होगी? हमें कितना प्रोडक्शन करना चाहिए? सरकार की क्या डिमांड है? इसको लेकर हमने पत्र लिखे हैं।

इतने लोगों से पूछा फंड से किसकी मदद की

क्या तेलंगाना सरकार के पत्र पर कोई कार्रवाई करेंगे? क्या सरकार ने वैक्सीन रिसर्च पर देश की किसी कंपनी की मदद की है? जैसे सवालों को लेकर हमने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग एवं सांख्यिकी मंत्रालय में राव इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, वैक्सीन नीति की अध्यक्षता कर रहे नीति आयोग के विनोद के पाल, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत एवं आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव का पक्ष जानने के लिए 01 सितंबर को मेल किए। लेकिन 12 दिन में भी किसी ने जबाब नहीं दिया।

हमने फोन पर भी संपर्क का प्रयास किया। नीति आयोग के विनोद के पाॅल के सचिव टीपी शंकर ने बात करने का विषय पूछा और बताया कि सर बहुत बिजी है। मैं आपका मैसेज देकर बात कराने की कोशिश करुंगा। नीति आयोग भारत सरकार के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से बात करने की कोशिश की गई। इनके पीएस रविंद्र प्रताप सिंह ने फोन पर कहा कि ऑफिस के नंबर पर बात करिए और फोन काट दिया।


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