Post Views 1111
January 18, 2020
*#मधुकर कहिन 2214*
*पैंथर पुराण - भाग 1*
*नरेश राघानी*
आज वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र चतुर्वेदी का ब्लॉग पढ़ा। जिसमें उन्होंने जिलेभर में पाए जाने वाले असली और नकली पैंथरों का उनके इलाके के हिसाब से वर्णन किया है । *मां कसम पढ़कर दिल गार्डन गार्डन हो गया !!!! मैं बाबा की कलम को दंडवत प्रणाम करता हूं । और उनकी इसी पैंथर व्याख्या को थोड़ा सा अपने ज्ञान अनुसार आगे कहता हूँ।*
बाबा ने कहा कि - यहाँ असली और नकली हर तरह के पैंथर घूम रहे हैं । मैं बाबा जितना जबरदस्त ज्ञान तो नहीं रखता हूँ ,की उनकी तरह जिले भर के पैंथरों की इतनी सटीक व्याख्या कर सकूं । हाँ शहरी सीमाओं का मुझे बखूबी ज्ञान है।
*मैंने देखा है बाबा !!! की शहर में ऐसे तो दो ही पैंथर दिखाई देते हैं । लेकिन उनमें से असली एक ही है । दूसरा दरअसल फ़र्ज़ी बिल्लौटा है। बिल्लौटे जैसी शक्ल का यह नक़ली जीव , अपने आप को किसी असली पैंथर से कम नहीं समझता है।*
*आपको क्या बताऊं बाबा !!! यह नकली बिल्ला अक्सर आप और हम जैसे बैरागी भोंपुओं के विषय में जबरदस्त पैंथर बाज टिप्पणियां भी करता है ।अक्सर कहता सुनाई देता है - पत्रकार ही तो है !!! जिस दिन एक पंजा पड़ेगा उस दिन ढेर कर दूंगा !!!!* मां कसम ऐसी गुर्राहट सुनकर एक बार तो मेरी भी छतरी फट गई । लेकिन फिर मैंने सोचा कि *ऊपर वाले से 4 दिन उधार लाए हैं , साढ़े दो तो बीत गए हैं। अब बाकी बचे डेढ़ भी क्यूँ डर के गुजारूं। वह भी एक बीड़ी बाज बिल्ले से ???* अब आपको *क्या बताऊँ बाबा !!!! यह बीड़ी बाज़ बिल्ला अक्सर बैंकॉक यात्राओं पर निकल पड़ता है । और वहां की विदेशी बालाओं के साथ भिन्न-भिन्न मुद्राओं में फोटो भी खिंचवाता है। और तो और सोशल मीडिया पर भी डाल देता है। उसके बाद उसको उम्मीद है कि उसे पैंथर मानकर राजा बना दिया जाए । जबकि वह एक मधुर भाषी कोयल से लोकप्रियता में मात खा चुका है । घर वालों से बैर पाल रखा है लेकिन बाहर वाले और वालियाँ उसके आस पास खूब मंडराते हैं । उसे अपनी गुफा से कोई लेना देना नहीं है। वह पड़ोसी के घर में झांकने में माहिर है। और उनकी गुफाओं में घुस घुस के पता नही क्या क्या करता रहता है ??? यह तो वही जाने। उसकी यह इधर उधर घुसने की आदत से उसके सभी अपने तक बहुत परेशान है। यह सब देख कर ही लगता है वह वाकई पैंथर नहीं है ... बल्कि बिल्लौटा है।* इस बिल्लौटे को फोटो खिंचवाने का बहुत शौक है । और अक्सर जगह जगह पुरुषों के साथ तो फिर भी ठीक है !!! लेकिन महिलाओं के बीच खड़े होकर फ़ोटो खिंचवाने का मौका कभी नहीं चूकता।
*बात असली पैंथर की !!!!*
*भैया ... असली पैंथर तो असली पैंथर है बाबा !!!!*
यह *भगवा पैंथर तो किसी के बाप से नहीं डरता था।* *मीडिया जगत और अधिकारी वर्ग में उसकी जबरदस्त hello है । अच्छे-अच्छे तुर्रम खाओं को अपनी उंगलियों के इशारे पर डिस्को कराने की ताकत है उसमें। वक्त पड़ने पर उंगली टेढ़ी भी कर देता है । शहर के पत्रकार अधिकारी और बाकी अन्य सभी किस्म के जीव जंतु उसके नाम भर से कांप उठते हैं। कई छोटे-मोटे जीवाणु तो उसके साथ घूम घूम कर अपने आपको सुरक्षित और भाग्यशाली महसूस करते हैं।* लेकिन यह असली पैंथर *इतना ताकतवर होने के बावजूद भी स्वभाव से बड़ा सरल और दयावान है। आये दिन दान धर्म करता दिखाई देता है। रात के अंधेरे में जब भी मन करता है, गाड़ी में कंबलों का ढेर लेकर, सर्द रातों में गरीबों को आराम पहुंचाने हेतु कंबल बांटता है। ज़रूरतमंदों को भोजन सामग्री भी पहुंचाता है। और ईश्वर में अगाध आस्था रखता है।* असली पैंथर को मालूम है कि वह क्या ताकत रखता है !!! इसलिए *फालतू के प्रपंचों में न पड़कर , बस अपने सिंहासन पर विराजमान रह सबका भला कारता है।* फिर ताकत तो भाई !!! ऐसी ही गंभीर और शालीन होती है। जिसके पास होती है उसे *दिखाने की जरूरत नहीं होती। न किसी से दोस्ती न किसी से बैर ... ऐसा सद व्यवहार रखने वाले ज़िले के सबसे मजबूत और लोकप्रिय नेता को लोग भगवा शेर कहकर पुकारते है ।*
*यह ब्लॉग एक काल्पनिक किस्सा है ।* *इसे ज़रूरत से ज्यादा गंभीरता से लेकर अपना खून न जलाएं। इस लेख को कल्पनाओं से और आगे निकल कर भी लिखा जा सकता था। परंतु ... अभी इतना सब ही ज़ेहन में आ रहा है सो ... फिलहाल इतना ही !!!*
*जय श्री कृष्ण*
*नरेश राघानी*
Horizon Hind | हिन्दी न्यूज़
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved