Post Views 1201
October 26, 2019
#2185 मधुकर कहिन
*क्यूँ मनाते हैं आज रूप चौदस*
आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर मुक्त करवाई थी 16000 कन्याएँ
*लोक लाज को देखते हुए उन सभी से विवाह कर दिया अपना नाम*
नरेश राघानी
दिवाली से एक दिन पहले आज देश भर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। *इस दिन भगवान कृष्ण, यमराज और बजरंगबली की पूजा करने का विधान है।* *इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा।* *श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार नरकासुर नामक असुर ने अपनी शक्ति से देवी-देवताओं और मानवों को परेशान कर रखा था। असुर ने संतों के साथ 16 हजार स्त्रियों को भी बंदी बनाकर रखा था। जब उसका अत्याचार बहुत बढ़ गया तो देवता और ऋषि-मुनियों ने भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आकर कहा कि इस नरकासुर का अंत कर पृथ्वी से पाप का भार कम करें।*
भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन *नरकासुर को एक स्त्री के हाथों मरने का* शाप था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी *पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया* और उनकी सहायता से नरकासुर का वध किया। *जिस दिन नरकासुर का अंत हुआ, उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी।*
नरकासुर के वध के बाद श्रीकृष्ण ने कन्याओं को बंधन से मुक्त करवाया। *मुक्ति के बाद कन्याओं ने भगवान कृष्ण से गुहार लगाई कि समाज अब उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा, इसके लिए आप कोई उपाय निकालें। हमारा सम्मान वापस दिलवाएं। समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए भगवान कृष्ण ने सत्यभामा के सहयोग से 16 हजार कन्याओं से विवाह कर लिया। 16 हजार कन्याओं को मुक्ति और नरकासुर के वध के उपलक्ष्य में घर-घर दीपदान की परंपरा शुरू हुई।*
भगवान कृष्ण ने इस दिन 16 हजार कन्याओं का उद्धार किया, *इसी खुशी में इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।* इस दिन जल में औषधि मिलाकर स्नान करने और 16 ऋृंगार करने से रूप सौन्दर्य और सौभाग्य बढ़ता है ऐसी मान्यताएं कहती हैं।
आप सभी को आज छोटी दीवाली , नर्क चतुर्दशी, रूप चौदस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
Horizon Hind | हिन्दी न्यूज़
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved