#मधुकर कहिन: मेयर पद की लाटरी के बाद ,सामान्य वर्ग के कांग्रेसी नेताओं की खिल गयी बाछें
Post Views 851
October 23, 2019
2182 #मधुकर कहिन
मेयर पद की लाटरी के बाद ,सामान्य वर्ग के कांग्रेसी नेताओं की खिल गयी बाछें
*अब एडीए अध्यक्ष हेतु सामान्य वर्ग की दावेदारी मजबूत ।
नरेश राघानी
जब से राज्य सरकार द्वारा निकाली गई ,निकाय चुनाव की लाटरी में *अजमेर मेयर का पद महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित* हुआ है । तब से सामान्य वर्ग की नेतागिरी करने वाले कांग्रेसी नेताओं कि जैसे बांछें खिल गई हैं। आपको बताए क्यों ?
तो वह यूँ की लॉटरी खुलने के बाद अजमेर विकास प्राधिकरण की कुर्सी सामान्य वर्ग के हिस्से में आ गयी है।
बताएं कैसे ?
तो वह ऐसे की अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग हेतु पहले से ही आरक्षित है। और उत्तर की तरफ सिंधी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से सिंधी समुदाय का दबदबा इस सीट पर हमेशा से रहा है। जिसके बावजूद विगत विधानसभा चुनाव में *भाजपा ने तो सिंधी समाज के बहुमत को देखकर देवनानी पर दांव खेला और सीट निकाल कर ले गयी ।* वहीं सामान्य वर्ग के लिहाज से महेंद्र सिंह रलावता को टिकट देकर कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी। *परंतु अब जब मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो चुकी है , तो कांग्रेस सरकार के पास केवल अजमेर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष पद की नियुक्ति का दाव ही बच जाता है।* जिस से अजमेर में *कांग्रेस के बिगड़े हुए राजनैतिक गणित को ठीक किया जा सकता है।* निगम चुनाव से पहले कांग्रेस यदि किसी *सिंधी चेहरे* को अजमेर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष के पद हेतु चर्चाओं में लाती है तो शहरी क्षेत्र में व्याप्त *42000 सिंधी मतदाता* कांग्रेस की तरफ आकर्षित होकर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित कर सकते हैं। अथवा *पहले से ही रुष्ट सिंधी समुदाय का भाजपा के पक्ष में मतदान कर भाजपा को जीत दिलवाना स्वाभाविक दिखाई दे रहा है।*
सरकार क्योंकि कांग्रेस की है। तो कांग्रेस के पास अभी भी अजमेर के इस बिगड़े गणित के सुधार का मौका है। *लेकिन ऐसा होता हुआ बिल्कुल नहीं दिखाई दे रहा है।* क्योंकि *कांग्रेस के पास अब सिंधी समाज में दीपक हासानी के बाद कोई ऐसा मजबूत चेहरा बचा भी नहीं है , जिसे ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सके। इसी कारण अब कमोबेश जो दिखाई दे रहा है। वह यह है कि अब यह खेल सिंधी समुदाय के हाथों से लगभग निकल सा गया है।* *और कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कांग्रेस सब बातों को दरकिनार कर पुनः डॉक्टर श्रीगोपाल बाहेती या फिर महेंद्र सिंह रलावता में से किसी भी एक को अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर बिठा दे। वैसे नज़रें तो कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन की भी इस पद पर बहुत समय से टिकी हुईं हैं।* लेकिन किसके हिस्से में क्या आएगा ? ये देखना अभी बाकी है। बहरहाल मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के नाम की लॉटरी खुलने के बाद अजमेर विकास प्राधिकरण की कुर्सी सामान्य वर्ग के हिस्से में आ गयी है *यह सोचकर ही सामान्य वर्ग के कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली की दौड़ लगाना शुरू कर दिया है।*