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September 21, 2019
2170 #मधुकर कहीन
*धरती पर बाढ़ और आसमान में हवाई जहाज ...*
संवेदनशीलता दिखाने हेतु नेताओं का नाटक चालू
नरेश राघानी
भगवान इंद्र की मेहरबानी से इस साल राजस्थान भर में इतनी बारिश हुई है , इतनी बारिश हुई है कि *पूरा प्रदेश पानी से लबालब भर गया है* । चारों तरफ बाढ़ के हालात हैं । कुछ समय पहले अजमेर के हाल पानी में सराबोर थे और अब कोटा । यह बात एक अलग ब्लॉक का विषय है कि अजमेर में इतनी बारिश होने के बावजूद भी *अजमेर का पानी बीसलपुर के माध्यम से जोधपुर और जयपुर आदि जिलों को मिलना शुरू हो चुका है ।* परंतु यह ब्लॉग मुख्यतः एक ऐसी बात के लिए लिख रहा हूं जो मैंने इन दिनों बड़ी बारीकी से देखी। वह बात यह थी कि *जैसे ही किसी भी प्रदेश में जरा से भी बाढ़ के हालात होते हैं , तो वहां के मुख्यमंत्री आदि नेता जमीन पर चलकर लोगों का हाल-चाल पूछने की बजाए झट से प्राइवेट एयरक्राफ्ट में बैठकर आसमान से बाढ़ का नजारा देखने पहुंच जाते हैं।*
*पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे* ने जैसे ही बाढ़ के हालात का जायजा एयरक्राफ्ट में बैठ कर लेना शुरू किया और खबरें प्रकाशित होना शुरू हुई , *झट से वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी एयरक्राफ्ट में घूमने की याद आई ।* ठीक 24 घंटे बाद *अशोक गहलोत और शांति धारीवाल के साथ कोटा के आसमान में घूमते हुए नजर आए ।* उनका एयरक्राफ्ट में बैठकर बाढ़ का जायजा लेते हुए शांति धारीवाल और अधिकारियों से बात करने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया। *आज तक समझ में नहीं आया जमीन पर पानी भरा होने की वजह से बाढ़ की चपेट में आए हुए आम नागरिक की परेशानी आखिर हवाई जहाज में बैठकर उसकी खिड़की से झांक कर कोई कैसे हल कर सकता है ?* ऐसा तो है नहीं यह हवाई यात्राएं *सस्ती* हुआ कर करती होंगी । आखिर इन पर भी कुछ धनराशि तो जरूर खर्च होती होगी। फिर यह *महंगी हवाई जहाज बाजी* आखिर बाढ़ के हालात को नियंत्रण में लाने हेतु कितनी कारगर है यह अपनी तो समझ से बाहर है । हाँ इससे अखबार में छोटी मोटी खबर जरूर लग जाएगी जो कि *लोक दिखावे के लिए* एक बहुत अच्छा साधन है । फिर भी हवाई जहाज से बैठकर जमीनी हकीकत का जायजा आखिर यह नेता कैसे लेते होंगे एक अत्यंत विचारणीय बिंदु है। बाढ़ जैसे गंभीर हालत में *हवाई जहाज मैं घूम कर जायजा लेने वाली धनराशि , यदि धरती पर बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जाए तो मेरे ख्याल में वह बेहतर होगा।* मजे की बात तो यह है कि भाजपा चाहे सत्ता से बाहर है। और *पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनौपचारिक विदाई राजस्थान से लगभग तय हो चुकी है। बावजूद उसके महारानी साहिबा प्लेन में बैठ कर बाढ़ के हालात का जायजा आखिर क्यों ले रही है ? यह तो वही जाने। शायद यह सिद्ध करने हेतु की चाहे भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे को हाशिए पर ले जाने पर तुला हो। फिर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शायद अब तक हार नहीं मानी है।*
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
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