For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 114304962
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दुबई, सिंगापुर, सूरत और लंदन से आए प्रवासी प्रतिनिधिमंडलों ने की मुलाकात: राजस्थान के विकास और प्रवासी सहभागिता पर हुआ सार्थक संवाद |  Ajmer Breaking News: दिव्यांग बच्चों के सशक्तिकरण का संदेश देती राजस्थान महिला कल्याण मंडल –भवानी खेड़ा में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर भव्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित |  Ajmer Breaking News: तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत बनाई गई गुमटियों को एडीए ने किया ध्वस्त, |  Ajmer Breaking News: मगंज थाना अंतर्गत गुर्जर वास में दो पक्षों के बीच लाठीभाटा जंग, एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर किया हमला, |  Ajmer Breaking News: भजनलाल सरकार की 2 वर्ष की असफलताओं पर कांग्रेस का अहिंसात्मक विरोध प्रदर्शन |  Ajmer Breaking News: अजमेर युवा कांग्रेस द्वारा जिला कार्यकारणी बैठक में आगामी 100 दिनों का जमीनी कार्ययोजना लागू करने के लिए बैठक ।  |  Ajmer Breaking News: दिव्यांगजन जागरूकता पखवाड़े ऐसा क्यों नृत्य-नाटिका के सफल मंचन |  Ajmer Breaking News: 4 दिसंबर के बाद 10 दिसंबर को भी दरगाह और कलेक्ट्रेट,एसपी ऑफिस को आरडीएक्स से उड़ाने की मिली धमकी, |  Ajmer Breaking News: प्रधानमंत्री सहित अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा ख़्वाजा साहब की मजार पर चढ़ाई जाने वाली चादरों पर रोक लगाने की गुहार वाली एप्लिकेशन बुधवार को वादी विष्णु गुप्ता की ओर से अदालत में पेश |  Ajmer Breaking News: अजमेर में शातिर चोरों के हौसले किस कदर बुलंद हो चले हैं कि अब दिनदहाड़े सीसीटीवी कैमरों के बीच बेख़ौफ़ चोरी करने से भी बाज़ नहीं आ रहे। | 

अंदाजे बयां: भय बिनु हुई न प्रीत

Post Views 11

August 16, 2019

2160 *#मधुकर कहिन* 


 भय बिनु हुई न प्रीत


नरेश राघानी


 कल आजादी का पर्व मनाया गया और साथ ही रक्षाबंधन का भी। अजमेर में बाकी सब कार्यक्रमों के चलते कल के दिन के कुछ और भी *मायने* थे । बताएं कैसे ? वह मायने यह  कि *रात खबर आई की, प्रकृति ने रक्षाबंधन के पर्व का धर्म निभाते हुए ,अजमेर की प्यासी जनता का की रक्षा का अपना धर्म निभा दिया है ।और बहुत जल्द अजमेर को जल समस्या से आजादी मिलने की संभावना उत्पन्न हुई है।* बताएं कैसे ?  वह ऐसे कि *कल रात को 12:00 बजे की रिपोर्ट के अनुसार बीसलपुर बांध का पानी ,यदि एक और ढंग की बारिश हुई तो !!! बांध के ऊपर से छलक सकता है। या सरल भाषा में इसको कहिए कि बीसलपुर बांध पानी से लबालब भर चुका है।* 

 चुनाव के दौरान *अजमेर की प्यास बुझाने का वादे और बड़ी-बड़ी बातें करने वाले राजनेता , जो काम नहीं कर पाए वह काम ईश्वर की असीम अनुकंपा से प्रकृति ने कर दिया है ।* परंतु इसके बीच एक *रोड़ा* अभी भी बाकी है। और यह रोड़ा भी इन *निर्लज नेताओं की उदासीनता का ही नतीजा है।* क्योंकि बिसलपुर बांध का पानी जयपुर भेजने की योजना पर काम किया जा चुका है। यहां *यह कहिए कि जयपुर भेजा जा चुका है। इन परिस्थितियों में प्रकृति की असीम अनुकंपा का लाभ अजमेर वासियों को मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है।* मतलब अजमेर के नेता और जनप्रतिनिधि तो ऐसे *भस्मासुर* हैं जो जहां बैठेंगे *जिसको छू लेंगे उसको राख में तब्दील कर देंगे।* काश !!! बीसलपुर का बांध छलकने से पहले इन नेताओं को अकल आ जाए । और वह *थोड़ा पानी अजमेर की तरफ मोड़ दें।* 

 *लाशों और मुर्दों के शहर में वैसे तो ऐसी उम्मीद करना किसी नेता से करना पागलपन ही है। परंतु फिर भी साहब उम्मीद पर दुनिया कायम है।* जनता उम्मीद कर सकती है कि किसी न किसी जनप्रतिनिधि को अक्ल आएगी और अजमेर की प्यास बुझाई जाएगी। *वैसे तो इन नेताओं की खाल में कोई भी सुआ तो क्या ...  भाला तक नहीं घुस सकता ।* लेकिन फिर भी अगर *अजमेर की जनता थोड़ी सड़कों पर उतर कर यदि इन तथाकथित तारणहारों के गिरेबाँ पर हाथ डालेगी , और मालाओं की जगह इन्हें जूतों से सुशोभित करेगी तो शायद यह संभव हो ।* क्योंकि यह साफ दिखाई दे रहा है की *ऊपर वाले को तो अजमेर पर रहम आ गया   परंतु सत्ता के नशे में मदमस्त इन नेताओं की आंखों में अभी भी अजमेर की प्यासी जनता के लिए रहम नहीं आया है।*

 रामायण में जब भगवान राम सागर से प्रार्थना करने बैठे और कहा कि - *कृपया रास्ता छोड़ दे हमारी सेना को लंका जाना है। तो समुद्र भी इन्हीं नेताओं की तरह मदमस्त आंखें बंद करके सोया हुआ था । 3 दिन बाद भी जब समुद्र ने भगवान राम की नहीं मानी, तो विवश होकर भगवान राम ने अपनी कमान की प्रत्यंचा पर ब्रह्मास्त्र का संधान कर लिया और उसका रुख समुद्र की तरफ किया। जिसे देखकर समुद्र त्राहिमाम त्राहिमाम करता हुआ भगवान श्री राम के चरणों में आ पड़ा। तब जाकर समुद्र ने रास्ता दिया।* 

 बिल्कुल इसी तर्ज पर अजमेर की *जनता को अब अपनी हिम्मत की कमान पर गुस्से का ब्रह्मास्त्र संधान कर लेना चाहिए। अन्यथा इस बेशर्म राजनीतिक जमात की आंखें नहीं खुलेगी ।* फिर गोस्वामी तुलसीदास जी ने इस प्रसंग के लिए रामायण में ठीक ही तो कहा है -


 *बिनय न मानत जलधि गए तीनि दिन बीति।* 

 *बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति॥* 



जय श्री कृष्ण


नरेश राघानी

प्रधान संपादक

Horizon Hind | हिन्दी न्यूज़

www.horizonhind.com

9829070307


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved