Post Views 831
July 21, 2019
2145 #मधुकर कहिन
*अजब ब्लॉग की गज़ब कहानी*
नरेश राघानी
आज एक क्रांतिकारी ब्लॉग पढ़ा। जिसमें यह लिखा गया की -
*जिस गजेन्द्र सिंह रलावता को आयुक्त ने चार्जशीट थमाई, अब वही अजमेर नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। आयुक्त भी कर रही है प्रशंसा, तो फिर मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का क्या दोष है?*
पढ़कर बड़ा अजीब लगा । यह तो बिल्कुल ऐसे ही था जैसे कोई कह रहा हो कि -
*मुझे और मेरे मित्रों को भूख लगी थी। मैंने कचोरी बनाई , सबको बहुत अच्छी लगी।लेकिन ...अमरीका का इसमें क्या दोष है ?*
उस ब्लॉग में लिखी गई लाइन भी , बिल्कुल ऐसी ही अजीब थीं। जिस में लेखक दो अलग अलग घटनाओं को जोड़कर कोई तीसरा ही लक्ष्य साधने का प्रयास कर रहा हैं।
जितना मेरी समझ आया उस अनुसार उस ब्लॉग में यह कहा गया था कि , जिस निगम उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता को निगमायुक्त चिन्मयी गोपाल ने कुछ रोज पहले 13 नक्शों के प्रकरण में नोटिस थमाया था। उसी उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता को अब निगम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही है। ऑनलाइन नक्शा पास कराने की सुविधा के प्रारंभ करने पर जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी गजेंद्र सिंह रलावता को बिठाकर तवज्जो दी गई। और इसी तवज्जो को आधार मानकर यह तक लिख दिया गया है कि गजेंद्र सिंह रलावता संभवत आयुक्त की नजर में दोषमुक्त हो गए हैं। फिर जब गजेंद्र सिंह रलावता ही दोष मुक्त हो गए हैं तो अब धर्मेंद्र गहलोत का क्या दोष है ?
*चलिए माना साहब !!! धर्मेंद्र गहलोत का तो क्या किसी का कोई भी दोष नहीं है। दोष तो दरअसल जनता का है । जो इस तरह के दृश्य देख कर भी मौन साधे बैठी है। 13 फाइलों को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ले जाने के बाद न जाने कौनसी पहाड़ी गुफा में छोड़कर आ गया है । यह कोई क्यूँ नहीं लिखता भाई ?*
*शांति से बैठो और लोगों को अपना काम करने दो भाई !!!*
फिर विचारणीय बात यह है कि धर्मेंद्र गहलोत निगम में रलावता की तरह नौकरी थोड़े ही कर रहें हैं। जो उन्हें निगम के रोज़मर्रा के कामों में शामिल किया जाए। *आयुक्त काम की ज़िम्मेदारी किसी न किसी सरकारी अधिकारी को ही देगी न ?*
हाँ अगर निगम में मेयर साहब, गजेंद्र सिंह रलावता की तरह ही नौकरी कर रहे होते, तो उनको कोई जिम्मेदारी अवश्य दी जा सकती थी। मेरे ख्याल से वह बखूबी गज़ब की ज़िम्मेदारी निभाते भी ।
अब यदि *ब्लॉग बादशाह* यह चाहते हैं , कि *परिसीमन इत्यादि का काम गजेंद्र सिंह रलावता की जगह मेयर साहब को दे दिया जाए। और मेयर साहब निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल को रिपोर्ट करें। तो इस क्रांतिकारी सोच को 21 तोपों की सलामी देने की इच्छा करती है।*
इन सब बातों से हट कर - अभी कुछ रोज पहले ही मैंने सोशल मीडिया पर एक बड़ा गजब का कार्टून देखा था। बनाने वाला कौन था इसका तो मुझे ज्ञान नहीं। परंतु उस कार्टून में यह दिखाया गया था कि एक हाथ कलम पकड़कर कुछ लिख रहा है। उस कलम में एक छेद है , जिसमें कोई दो रुपये का सिक्का डाल रहा है । शायद यह कार्टून पैसे लेकर खबरें लिखने वाले आधुनिक युग के पेड मीडिया को परिभाषित कर रहा था। मां कसम !!! वह कार्टून अब तक मेरी आंखों के आगे घूम रहा है। हो सकता है मेरी सोचने समझने की शक्ति में कुछ गड़बड़ हो .... लेकिन आधुनिक युग के पेड लेखन को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम ।
जय श्री कृष्णा
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
Horizon Hind |हिंदी न्यूज़
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved