अंदाजे बयां: सोम का नाम बदनाम न करो - सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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July 1, 2019
सोम का नाम बदनाम न करो*
*भा* ज पा नेता,सुप्रसिद्ध समाज सेवी,विभिन्न सांस्कतिक संस्थाओं के पदाधिकारी,अजमेर लिट्रेचर फेस्टिवल के पुरोधा और नगर निगम अजमेर के पूर्व उपसभा पति माननीय सोम रत्न जी आर्य के विरुद्ध किसी बच्ची ने ऐसा वैसा मामला दर्ज़ कराया है।
ऐसा वैसा इसलिए कि मुझे यक़ीन ही नहीं हो रहा कि 10 दिन से ज़्यादा पहले का कोई मामला अब प्रकाश में लाया जा रहा है।नाबालिग़ बच्ची को पुरस्कार देने ..मेरा मतलब दिलवाने के लिए उन्होंने कुछ हरक़त वगैरा कर दी।
सच कह रहा हूँ मुझे यकीन नहीं हो रहा।उनको में कई सालों से जानता हूँ।वो ऐसा घ्रणित काम कर ही नहीं सकते।वो अजमेर की आन बान और शान हैं।ज़रूर कोई साज़िश है।
सोम रत्न आर्य के बारे में यूं तो बचपन के बाद से ही लोग अंट शंट कहते रहे हैं।शहर की कई महिला हस्तियों से उनका नाम जोड़ा जाता रहा है।कई नृत्यांगनाओं और इसी तरह की प्रजातियों को उन्होंने पदोन्नत किया है।मगर इसका ये मतलब तो नहीं कि उनके चरित्र पर कोई उंगली करे मेरे मतलब उठाए।
सोम रत्न जी को पूरा शहर अच्छी तरह से जानता है।वो अनेक सांस्कृतिक प्रतिभाओ में प्राण फूंकते रहे हैं।शायद ही नगर की कोई संस्था हो जिनमे उनका किसी न किसी रूप में *लेना -देना* न हो।बरसों से मैं ये देख रहा हूँ कि हर अख़बार में आए रोज़ उनकी ख़ूब सूरत को छापा जाता है।हर फोटोग्राफर उनका दीवाना है।मौका कोई भी हो सुख का दुख का।सबमे सोम रत्न जी मौजूद रहते हैं।इसका ये मतलब नहीं कि उनकी संवेदनाएं छपास पीड़ित हैं।नहीं कदापि नहीं।वो सर्वव्यापी इसलिए हैं कि उनका औरा इतना चमकीला है कि अपने आप प्रकाश में आ जाता है।पार्षद का चुनाव बुरी तरह से हार जाने के बाद भी देखिए आज तक उनके रुतबे में मोई फ़र्क़ नहीं पड़ा।
जन नायक सोम रत्न जी पर लगे आरोप सही हैं या ग़लत ये तो मैं नहीं कह सकता मगर ये सच है कि मुझे उन पर पूरा विश्वास है।वो छोटी बच्चियों को बेटियों की तरह *प्यार* करते हैं।अब बेटी से वो ऐसा वैसा कैसे कर सकते हैं।
अजमेर लिट्रेचर फेस्टिवल के जनक रास बिहारी जी से मेरी काफी दिनों पहले इस घटना के बारे में बात हुई। उन्हें बताया कि आदणीय सोम रत्न भाई साहब को किसी ने कूट दिया है ।हैम सबको उन पीटने वालों को सबक सिखाना चाहिए मगर रास बिहारी जी ने भी घटना को ग़लत ही माना।आदरणीय कीर्ति पाठक जो कथित घटना स्थल पर ही निवासित हैं वो भी वहीं थी ।उन्होंने भी कहा सोम रत्न जी शहर की नाक हैं और नाक नहीं कटवा सकते।ज़रूर ये अफ़वाह है।
मेरे मानस पुत्र नरेश रागानी ने भी अपने ब्लॉक में जब घटना का ज़िक्र किया तो में उसे फोन कर कहा कि बेटा बिना सबूत ऐसा वैसा मत पोस्ट कर।उसने बताया बाबा बात सही है।कुटाई तो हुई है ।कई गवाह भी हैं।मैन कहा बेटा सोम रत्न जी शहर की धड़कन है।आज तक उन्होंने *जो भी किया* सोच समझ कर किया।कभी उनका नाम इस तरह नहीं आया।उनकी दृष्टि के बारे में मेरी राय कभी ख़राब नहीं रही।मेयर साहब तक को उन्होंने आंच तक आने नहीं दी।इतनी अच्छे इंसान के बारे में कुछ भी पोस्ट करने से पहले 1000 बार सोचना चाहिए।
में तो अब भी कहता हूं कि देखना मामला झूठ ही निकलेगा।दुश्मन संघटित हो गए होंगे उनके ।
प्रजातंत्र में मारा तो किसी को किसी भी बात पर जा सकता है।कोई और मामला हुआ होगा।बच्चियों को तो वो बेटी और औरतों को मातृशक्ति मानते हैं।ऐसे में उन पर शक़ नहीं किया जाना चाहिए।वैसे कानून तो है ही न।कुछ ग़लत हो गया होगा तो वक़ील लोग अदालत में लड लेंगे।हम क्यों कानून हाथ मे लें।
मित्रो सोम रत्न जी सही हैं।ऐसा मेरा दिल कहता है।
*सुरेन्द्र चतुर्वेदी*