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December 19, 2017
गुजरात और हिमचाल चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिली है. गुजरात में जहां यह बीजेपी की लगातार छठी जीत है, वहीं हिमाचल में वह कांग्रेस से सत्ता छिनने में कामयाब रही. इसके बाद से देश ही नहीं विदेश की मीडिया में भी इन चुनावों की चर्चा है. पाकिस्तान की डॉन से लेकर, अमेरिकी हफिंगटन पोस्ट, चीन की ग्लोबल टाइम्स के साथ-साथ टेलीग्राफ ने भी अलग-अलग तरह से इन चुनावों को जगह दी है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन
अखबार के ऑर्टिकल ने गुजरात में बीजेपी की जीत पर नरेंद्र मोदी के साल 2002 चुनाव का जिक्र किया है. इसमें लिखा है, फरवरी 2002 में गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना पर नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर दोष मढ़ा और आने वाला विधानसभा चुनाव जीत लिए. ऐसे ही साल 2017 के चुनाव में प्रचार के अंतिम समय में उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र किया, जो कि उनकी जीत में आंशिक रूप से मददगार रहा.
आर्टिकल में लिखा है, नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान का जिक्र किया और राहुल गांधी की सभाओं में उमड़ती भीड़ को देख उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर की पाकिस्तान के पूर्व हाई कमिश्नर के साथ मीटिंग पर कमेंट किया. उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी को गुजरात में हराने पर बात हुई.
आर्टिकल में बीजेपी के हिमाचल में जीत पर भी राष्ट्रवादी कार्ड खेलने का जिक्र किया गया है. साथ ही इसमें गुजरात चुनाव में हार्दिक, ईवीएम और पाटीदार आंदोलन के बारे में भी लिखा गया है.
हफिंगटनपोस्ट
हफिंगटनपोस्ट में लिखा है, मोदी और हिंदुत्व की वजह से गुजरात में बीजेपी को जीत मिली. आर्टिकल में गुजरात के कुछ क्षेत्रीय युवाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि वे नरेंद्र मोदी से कितना प्यार करते हैं और उनके द्वारा किए गए काम को गर्व के रूप में देखते हैं. ऑर्टिकल में बताया गया है कि वे युवा जीएसटी से हुई परेशानी से इसलिए समझौत कर रहे हैं कि उन्हें लगता है कि नरेंद्र मोदी के इस फैसले से दूरगामी फायदा होगा.
इसमें नरेंद्र मोदी की 34 रैलियों में विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और हिंदुत्व पर उठाए गए मुद्दे का जिक्र है. हालांकि, इसमें ये भी कहा गया है कि उन्होंने व्यक्तिगत हमले का मास्टरस्ट्रोक के रूप में प्रयोग किया. रैली-दर-रैली नरेंद्र मोदी ने गुजरात गौरव की बात की. उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि वह गुजरात की मिट्टी के ही हैं और गुजराती उनके विरोध को समर्थन नहीं देंगे.
आर्टिकल में बीजेपी की इस नजदीकी जीत का जिक्र करते हुए बताया गया है कि साल 1995 के बाद यहां उसे सबसे कम सीट मिली है. इसमें यह भी बताने की कोशिश की गई है कि मोदी अचूक नहीं रह गए हैं और अब ऐसा नहीं है कि वह खुद के सेट किए ट्रेंड पर ही चल रहे होते हैं. आर्टिकल में हार्दिक, जिग्नेश और अल्पेश को मोदी के लिए चुनौती के रूप में भी बताया गया है. इसमें राहुल गांधी के भी नए और परिपक्व अवतार का जिक्र किया गया है.
आर्टिकल में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का भी जिक्र किया है कि कैसे उन्होंने चुनाव में इसका प्रयोग किया. इसमें यूपी चुनाव और वहां नरेंद्र मोदी की रैलियों का भी जिक्र है.
ग्लोबल टाइम्स
इसमें गुजरात में बीजेपी की जीत का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह जनपद में किस तरह चुनाव प्रचार किया गया. इसमें बताया गया है कि बीजेपी के सभी शीर्ष नेता और कैबिनेट मंत्रियों ने वहां लगभग एक महीने तक डेरा जमा लिया था. इसमें परिणाम आने के बाद नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के दिए बयानों का भी जिक्र किया गया है.
इसमें कहा गया है कि गुजरात और हिमाचल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के कारण ही बीजेपी को जीत मिली है. वहां बीजेपी के राज्य के नेताओं की उतनी भूमिका देखने को नहीं मिली. वहीं, हिमाचल में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार की हार का भी जिक्र किया गया है.
टेलीग्रॉफ
इसमें इस बात को प्रमुखता से उठाया गया है कि प्रधानमंत्री के गृह प्रदेश में बजेपी तीन अंकों का आंकड़ा नहीं छू पाई और 99 सीटों पर ही सिमट गई. इसमें ये भी बताने की कोशिश की गई है कि साल 2014 की तुलना में वहां बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है.
आर्टिकल में प्रधानमंत्री के गृहक्षेत्र वडनगर में बीजेपी की हार का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है कि मोदी अजेय नहीं हैं. यहां तक की मोदी के गृह प्रदेश में भी. यहां नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की राजनीति का भी जिक्र किया गया है. इसमें ये बताने की कोशिश की गई है कि कैसे राहुल लोगों को आकर्शित करने की कोशिश की. इसमें राहुल के मजबूत नेता के रूप में भी उभरने को बताया गया है.
आर्टिकल में गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल और अर्जुन मोढवादिया की हार का भी जिक्र किया गया है.
आर्टिकल में कहा गया है कि चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि मोदी की लोकप्रियता में कमी नहीं आई है. इसमें साल 2019 के आम चुनाव का जिक्र करते हुए कहा गया है कि विपक्ष चाहेगा कि वह मोदी के मोमेंटम को कम कर सके. आर्टिकल में नोटबंदी और जीएसटी का भी जिक्र है. इसमें ये भी बताने की कोशिश की गई है कि कैसे शुरुआती रुझानों में बीजेपी को पिछड़ते देख स्टॉक मार्केट गिर गया था.
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