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October 18, 2017
दिपावली पर शुभकामनाओं के साथ उपहार देने की भी परम्परा में वक्त के साथ काफी बदलाव आया है. अब उपहार एक उद्योग के तौर पर उभर रहा है. इस दिवाली पर जयपुर में उपहार का कारोबार 20 करोड़ और प्रदेशभर में 200 करोड़ पर पहूंचने का अनुमान है.
दिवाली पर उपहार की परंपरा यूं तो सदियों पुरानी है, लेकिन कॉर्पोरेट कल्चर का प्रभाव बढ़ने के बाद दिवाली के उपहारों का स्वरूप भी बदल गया है. अब उपहार की वस्तू से ज्यादा पैकिंग पर जोर दिया जाता है. यहां तक कि उपहार की वस्तु से ज्यादा कीमत पैकिंग की होने लगी है. रियल एस्टेट, कॉर्पोरेट और पॉलिटिकल सेक्टर में आकर्षक और लग्जरी गिफ्ट पैकिंग की ज्यादा मांग है.
दिवाली पर पहले केवल मिठाइयां ही उपहार के तौर पर दी जाती थीं, लेकिन अब ड्राइफ्रूट्स, बेकरी आइटम, चॉकलेट, और प्रीजर्वड फ्रूट्स भी शामिल हो गए हैं. इसकी वजह यह है कि ये आइटम ज्यादा दिन तक खराब नहीं होते. फिर भी अभी तक मिठाइयों को कोई पीछे नहीं छोड़ पाया है. अभी भी दिवाली पर मिठाइयां ही सबसे ज्यादा उपहार के तौर पर दी जाती हैं.
वहीं अगर बाजार पर नजप डाली जाए तो उसका सेंटीमेंट उत्साहजनक नहीं है. इसका दिवाली गिफ्ट मार्केट पर भी असर नजर आ रहा है फिर भी इस बार प्रदेश में दिवाली गिफ्ट का कारोबार 200 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. इसमें जयपुर की हिस्सेदारी करीब 20 करोड़ रुपए की है.
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