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October 16, 2017
राम के नाम को लेकर भले ही पूरे देश में सियासी माहौल गर्म रहता हो लेकिन बीकानेर की एक संस्था महफिल-ए-अदब दीपावली पर उतर प्रदेश के मौलवी की लिखी उर्दू रामायण का वाचन कर इस शहर की गंगा-जमुनी संस्कृति का संदेश दे रही है.
उतर प्रदेश में राम के नाम को लेकर चाहे हिन्दू और मुस्लिम समुदाय कोई भी धारणा रखते हो लेकिन इस शहर के मुसलमान आज भी उर्दू रामायण का वाचन कर देश को भाई-चारे का संदेश देने में जुटे हैं.
शायर असद अली असद ने बताया कि 1936 में बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय ने इस रामायण को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था और एक मौलवी बादशाह हुसेन राणा लखनवी ने इस रामायण में भगवान राम के वनवास का सुंदर चित्रण किया है जो सभी के लिए प्रेरणादायक है .
बीकानेर ऐसा शहर है जहां आज भी दोनों समुदाय के लोग आपस में मिलकर सभी त्योहारों को मनाते हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह मौलवी बादशाह हुसेन राणा लखनवी को उर्दू और फारसी के अनुवाद के लिए बीकानेर लाए थे. तभी से यह उर्दू रामायण बीकानेर में है ऐसा बताया जाता है.
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