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July 16, 2017
अजमेर। एस.सी./एस.टी. रिसर्च एण्ड डवलपमेंट फोरम अजमेर ईकाई द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को स्वामी कॉम्पलेक्स अजमेर में किया गया।
जिसका विषय अनुसूचित जाति व जनजाति के लिये विशेष घटक योजना (स्पेशल कम्पोनेंट प्रोग्राम) तथा जनजातीय उपयोजना (ट्राईबल सब प्लान) के लिये राष्ट्रीय एवं राज्य विधानसभाओं द्वारा एस.सी., एस.टी. के लिये विधेयक बनाने के लिये जनजागरण व इस विधेयक के प्रावधानों पर चर्चा की गयी तथा समाज के शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के प्रभावी क्रियान्वयन पर चार सत्रों में चर्चा की गयी।
उदघाटन सत्र में डॉ. संतोषानन्द मुख्य वक्ता रहे, जिन्होने राष्ट्रीय अनुसुचित जाति योजना/अनुसूचित जनजाति उपयोजना परिषद के संदर्भ में अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारियों का बोध कराया और भारतीय समाज के मूल एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी। समाज में दलित उत्थान हेतु एस.सी. एस.टी. रिसर्च डवलपमेंट फार्म कार्य करता है।
अन्य वक्ताओं में डॉ. पी.आर. राठी ने अपने वक्तव्य में बताया कि एस.सी. एस.टी. के कमजोर वर्गो को मुख्य धारा में लाने हेतु प्रबल विचार प्रस्तुत किया तथा बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूल मंत्र शिक्षित रहो, संगठित रहो तथा संघर्षशील रहने, मूल मंत्रों में जीवन में धारण करने हेतु प्रेरित किया। मुकेश गोयर ने एस.सी. एस.टी. के लिये न्याय, स्वावलम्बन तथा सम्मान आदि विषयों पर वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि एस.सी. एस.टी. के लिये विधेयक बनाया जाना चाहिये। सामाजिक स्वावलम्बन प्राप्त हेतु शिक्षा पर जोर दिया। सत्र में छीतर मल टेपण ने कहा कि पूर्वकाल में दलित समाज के संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डाला।
पूर्व आर ए एस अधिकारी गोपालदास ने अपने वक्तव्य में कहा कि जो दलित वर्ग में सम्बन्धित लाभ ले चुकी समुह वर्तमान समय में अपने समाज को किस प्रकार लाभ प्रदान करे ताकि समाज का अंतिम व्यक्ति (अंतोदय) तक उसका लाभ पहुंच सके। आपने अपने वक्तव्य में वर्तमान समय में भुवाना काण्ड, अजसर काण्ड तथा गनेरी काण्ड के समसमयिक आंक$डों को प्रस्तुत किया। समारोह सत्र में शिक्षाविद हनुमान सिंह राठौ$ड ने सभी व्याख्यानों को समग्र करते हुए कहा कि समाज में जो नया एक्ट लागू होने जा रहा है, उसके क्रियान्वयन की सही-सही नीति को सुनिश्चित करना होगा, इस हेतु हमें संगठित होना हो तथा जिन वर्गो को इन लाभों की अत्यंत आवश्यकता हंै।
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