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July 16, 2017
अजमेर। घुटने के जोड की आर्थोस्कोपिक सर्जरी शनिवार को रेलवे हॉस्पीटल अजमेर में की गई।लकी वेरामल भुरानी की पत्नी मीरा भुरानी को बाएं घुटने के जोड में दर्द व लॉकिंग की शिकायत के साथ रेलवे अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें बाएं घुटने को मोडने में भी परेशानी हो रही थी। एनेस्थेटिक जांच और एमआरआई सहित घुटने के जोड की सभी जांचें की गईं और यह तय किया गया कि आथ्रोस्कोपिक और आंशिक मेनिसैक्टोमी की जाये। आर्थोस्कोपिक घुटने की सर्जरी शनिवार को स्पाइनल एनेस्थेसिया के तहत की गई। सर्जरी में १ घंटा ३० मिनट का समय लगा। ऑपरेशन थिएटर टीम में डॉ राज कुमार मीना (ऑर्थोपेडिक सर्जन), डॉ प्रिया गर्ग (एनेस्थेटिस्ट), सिस्टर पेटसी मेस्सी, मेल नर्स डी एस मीना, सिस्टर संगीता तथा ओटी सहायक आर पी मीणा शामिल थे।
यह रेलवे अस्पताल अजमेर में घुटने के जोड की पहली आर्थोस्कोपिक सर्जरी है। रेलवे अस्पताल में जल्द से जल्द आर्थोस्कोपिक लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन शुरू किया जाएगा। अब रेलवे रोगियों को इस तरह की उन्नत आर्थोस्कोपिक सर्जरी के लिए जयपुर जाने की जरूरत नहीं है। रेलवे अस्पताल के मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ पी के मिश्रा, एसीएमएस डॉ पी सी मीणा और मंडल रेल प्रबंधक पुनीत चावला द्वारा किए गए प्रयासों के कारण रेलवे अस्पताल में इस तरह की एडवांस घुटने के जोड की सर्जरी संभव हो सकी है।
उल्लेखनीय है की हाल ही में रेलवे अस्पताल ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है, जिनमें २४ जून २०१७ को रेलवे अस्पताल ने पहली बार पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण में सफलता हासिल की थी। इसके अलावा प्राइवेट नर्सिंग छात्रों के लिए नर्सिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रारंभ किया गया है। रेलवे अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रारंभ कर दी गयी है।
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