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June 23, 2017
जयपुर- राज्य सैनिक कल्याण सहलाकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने कहा है कि देश में झुंझुनू ही एक ऎसा जिला है, जहां के जवानों ने सेना में सर्वाधिक भागीदारी और शहादत देकर प्रथम पंक्ति में अपना नाम दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि धन्य है वो माताएं और वीरांगनाएं, जिन्होंने अपने लाडले और शौहर को देश की सीमा पर देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान देने के लिए भेजा है।
बाजौर गुरूवार को शहीद सम्मान यात्रा के तीसरे दिन झुंझुनू जिले के चिड़ावा एवं सूरजगढ़ पंचायत समिति के 12 गांवों के 21 शहीदों का उनके गांव में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मान करने के बाद ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत के कर्ज को हम कभी नहीं चुका सकेंगे और आने वाली पीढियों को शहीदों की ये मूर्तियां सदैव प्रेरणा देती रहेंगी। उन्होंने जिन स्थानों पर शहीदों की मूर्तियां नही बनी हुई है उनके परिजनों से कहा कि शहीद स्मारक बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएं, ताकि उसकी चार दीवारी और स्टेच्यू का निर्माण क्षेत्रीय विधायक कोटे से और मूर्ति का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से कराया जा सके।
उन्होंने कारगिल युद्ध से पहले शहीद हुए जवानों के आश्रितों में से परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी लगवाने के लिए मुख्यमंत्री से बात करने का भरोसा दिलवाया और आशा व्यक्त की कि नियमों में शिथिलता प्रदान करवाते हुए इसमें भी हमें कामयाबी मिलेगी।
सूरजगढ़ प्रधान सुभाष पूनियां एवं चिड़ावा प्रधान कैलाश मेघवाल तथा विश्म्भर पूनियां आदि वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे एवं राज्य सैनिक कल्याण सहलाकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान का लाभ शहीद के परिजनों को तो मिलेगा ही साथ ही देश में यह कार्यक्रम अपनी मिसाल भी कायम करेगा।
इस अवसर पर बाजौर ने चिड़ावा पंचायत समिति के अरडावता गांव के अटल सेवा केन्द्र में 9 वीरांगनाओं का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि एक गांव में 8 शहीद होना अपने आप में गौरव की बात है। इस दौरान अरडावता के शहीद जुगलाल की वीरांगना धर्मावति, लादूराम की बरजी देवी, बसेसर राम की केसरी बाई, मो हनीफ की जैतुन बानो, मुस्ताक खान की असगरी बानो, रणधीर सिंह की वीरांगना माया को सहित सारी के शहीद सुरजाराम की वीरांगना मोखली तथा बारी का बास के शहीद भगवाना राम की वीरांगना मादली देवी और जीताराम की वीरांगना माली देवी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। इसके अलावा बाजौर ने ओजटू का बास में शहीद सुरेन्द्र सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद मलसीसर की उपखण्ड अधिकारी एवं शहीद की वीरांगना अनिता धतरवाल का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। बाजौर ने बूचियों की ढ़ाणी में शहीद मनरूप सिंह की मूर्ति और स्वामी सेही में शहीद भूराराम की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। उन्होंने खुडाना गांव के मोहर सिंह, लाम्बा गोठडा के जवान सिंह और नूनियां गोठडा के सूबेदार निहाल सिंह के घर जाकर उनकी वीरांगनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें भरोसा दिलवाया की शहीदों की मूर्तियों का निर्माण वे स्वयं करवाएंगे और अन्य सभी कार्य विधायक कोटे से करवाने के बाद मूर्ति अनावरण समारोह में भी वे स्वयं आएंगे। उन्होंने सब जगह वीरांगनाओं की शहीद के नाम पर गांव के विद्यालयों के नामकरण करने की मांग पर भरोसा दिलवाया कि ये कार्य जल्द ही करवाया जाएगा। वीरांगनाओ की सड़क एवं पेयजल संंबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए भी उन्होंने अविलम्ब कार्यवाही करने का विश्वास दिलवाया है। कार्यक्रमों में सलाहकार समिति के सदस्य कर्नल जगदेवा राम चौधरी, झुंझुनू एवं चिड़ावा के सैनिक कल्याण अधिकारी सहित इन गांवों के सरपंच एवं ग्रामीण उपस्थित थे। बाजौर ने सूरेन्द्र सिंह धतरवाला के मूर्ति स्थल के विकास के लिए 2 लाख रुपये अपने पास से देने की घोषणा की।
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