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June 22, 2017
जयपुर। प्रदेश के कक्षा एक से 8 तक के सभी राजकीय व गैर राजकीय विद्यालयों में सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तकों से भिन्न पाठ्य पुस्तके लागू किये जाने पर संबंधित विद्यालय के विरुद्ध मान्यता नियमों के तहत राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कठोर कार्यवाही की जायेगी।शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि कतिपय गैर सरकारी विद्यालयों के संबंध में इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई है कि वे अत्यधिक कीमत की निजी प्रकाशकों की पुस्तके अपने विद्यालय में लगाई जाकर बालकों को इन पुस्तकों को किसी दुकान विशेष या विद्यालय से ही लिये जाने हेतु बाध्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गलत प्रवृति है और ऎसी किसी भी शिकायत पर त्वरित कठोर कार्यवाही की जाएगी। देवनानी ने कहा कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा के पाठयक्रम एवं मूल्यांकन प्रक्रिया अधिकथित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर को शैक्षिक प्राधिकारी घोषित किया गया है। इसके अंतर्गत प्रदेश में कक्षा एक से 8 तक के हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम का पाठयक्रम एवं पाठ्य पुस्तकें निर्धारित कर राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मण्डल, जयपुर के माध्यम से प्रकाशित करवाकर बाजार में उपलब्ध करवा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी गैर सरकारी विद्यालय में इन पुस्तकों से भिन्न पुस्तकें लागू किया जाना पाया गया तो संबंधित विद्यालय के विरुद्ध मान्यता नियमों के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) को निर्देश दिए गए हैं।
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