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June 20, 2017
नई दिल्ली - भारत कीकई कनेक्टिविटी परियोजनाओं को अलग-अलग देशों की ट्रांसपोर्ट और कस्टम सिस्टम के हिसाब से नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता था. टैक्स और ड्यूटी पे किए बिना किसी भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से माल को नहीं ले जाया जा सकता है. टीआईआर को लागू करने के बाद भारत को इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. टीआईआर कन्वेंशन एक परिवहन समझौते से बहुत अधिक है और एक मजबूत विदेशी नीति तत्व है.
आईआरयू ने किया टीआईआर को विकसित
दुनिया में जहां चीन का वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) परियोजना डोमिनेंटिंग प्रोजेक्ट है. अगर भारत को एक ताकतवर उभरती शक्ति के रूप में आना है, तो भारत को एक बेहतर तरीके से काम करने की जरूरत है. टीआईआर माल परिवहन के लिए मानक है जिसका प्रबंधन विश्व सड़क परिवहन संगठन (आईआरयू) के हाथों में है. आईआरयू ने ही टीआईआर विकसित किया है.
आईआरयू ने टीआईआर किया भारत का स्वागत
आईआरयू के महासचिव उमबेर्टो डि प्रेटो ने कहा, मैं देशों के टीआईआर में भारत का स्वागत करता हूं. यह दक्षिण एशिया में परिवहन, व्यापार और विकास के सिलसिले में तालमेल एवं प्रोत्साहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. टीआईआर भारत को म्यांमार, थाइलैंड, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ व्यापारिक लेनदेन में मदद करेगा.
अलग-अलग देशों के साथ परिवहन और कस्टम सिस्टम को अलग कर देना भारत की कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए लगातार समस्याओं में से एक है. एक बार सिस्टम वैश्विक मानदंडों के साथ एकीकृत हो जाते हैं, भारत का मानना है कि डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉ
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