Post Views 831
June 20, 2017
नेशनल रिपोर्ट – सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गोमती रिवर फ्रंट’ में हुए करोड़ों के घोटाले की पहली एफआईआर सोमवार को गोमती नगर थाने में दर्ज की गई। शासन के आदेश पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों को नामजद किया गया है।
रिवर फ्रंट परियोजना में हुए घोटाले की शुरुआती जांच न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने की थी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तय करने का आदेश दिया था। खन्ना कमेटी ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
- गुलेश चन्द्र, तत्कालीन मुख्य अभियंता, (अब सेवानिवृत्त)
- एसएन शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता
- काजिम अली, तत्कालीन मुख्य अभियंता
- शिव मंगल यादव, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब रिटायर)
- अखिल रमन, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब रिटायर)
- कमलेश्वर सिंह, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता
- रूप सिंह यादव, तत्कालीन अधिशासी अभियंता/अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त)
- सुरेन्द्र यादव, अधिशासी अभियंता
यह है मामला
वर्ष 2014-15 में गोमती नदी चैनलाइजेशन परियोजना के लिए 656 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। लेकिन, इस पर 1,513 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस राशि का 95 प्रतिशत हिस्सा खर्च होने के बावजूद परियोजना का सिर्फ 60 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved