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June 20, 2017
जयपुर- खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने राज्य उपभोक्ता हैल्पलाईन में प्राप्त होने वाली शिकायतों के शीघ्र निस्तारण कर उपभोक्ताओं को राहत दिये जाने पर जोर देते हुए कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हम सब पहल कर प्रदेश में कंज्यूमर फ्रेंडली माहौल तैयार करेंगे जिसमें राज्य सरकार की इच्छा शक्ति के साथ-साथ सभी संगठनों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। ठाकुर सोमवार को शासन सचिवालय के समिति कक्ष में एमआरपी और सर्विस चार्ज से संबंधित शिकायतों के निस्तारण के संबंध में होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ ट्यूर ऑपरेटर्स, जयपुर होटल एसोसिएशन एवं मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष, महासचिव एवं संबद्ध संगठन के प्रतिनिधियों के साथ इस तरह की पहली बार आयोजित बैठक में अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवहारिक कठिनाई इस दिशा में आती है तो संगठन की ओर से प्राप्त ज्ञापन को भारत सरकार से मार्गदर्शन लेकर संगठनों को पूरा सहयोग दिया जायेगा लेकिन विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 व 2011 के तहत उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण की दिशा में कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित है।
शासन सचिव ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी किये गये नए दिशा-निर्देशानुसार किसी भी रेस्टोरेंट या होटल में सर्विस चार्ज के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है उपभोक्ताओं के हित में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए ऎसी सूचना स्वागत कक्ष पर सार्वजनिक रूप से लगाई जावे।
संबंधित संगठन के सभी प्रतिनिधियों ने विभाग द्वारा शुरू की गई इस सकारात्मक पहल का स्वागत करते हुए विश्वास दिलाया कि उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश में अच्छा माहौल तैयार करने के लिए राज्य सरकार की मुहिम में सदैव तत्परता से आगे आकर सहयोग करेंगे।इससे पूर्व उप निदेशक संजय झाला ने विधिक माप विज्ञान अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि राज्य उपभोक्ता हैल्पलाईन पर उपभोक्ताओं से संबंधित विभिन्न तरह की शिकायतें निरन्तर प्राप्त हो रही है। जिनमें मुख्यतः होटल व रेस्टोरेन्ट द्वारा उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले एमआरपी एवं सेवा शुल्क से संबंधित शिकायतें ज्यादा है। उप नियंत्रक चंदीराम जसवानी ने कहा कि विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के अन्तर्गत डिब्बा बंद वस्तु, अधिनियम 2011 जारी किया हुआ है। जिसके अन्तर्गत नियम 18 में उपभोक्ता द्वारा खरीद किये जाने वाली वस्तुओं की एमआरपी से संबंधित नियम स्पष्ट है जिसके अनुसार कोई भी व्यापारी या व्यवसायी उपभोक्ताओं से एमआरपी से ज्यादा दाम नहीं ले सकते और न ही स्टोर कर सकते है। उन्होंने बताया कि एक ही गुणवत्ता की वस्तु व समान वजन की वस्तु ओं की दो एमआरपी नहीं होनी चाहिए। ऎसा कृत्य विधिक माप विज्ञान 2009 का उल्लंघन है। बैठक में हुए विचार विमर्श में यह आम सहमति जताई कि उपभोक्ताओं से अनुचित रूप से सेवा शुल्क लिया जाना पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत अनुचित व्यापार प्रथा है जिसके तहत उपभोक्ता संबंधित उपभोक्ता फार्म में वाद दायर कर सकता है। प्रावधान के तहत कोई भी उपभोक्ता किसी होटल या रेस्टोरेंट में हॉस्पिटेलिटी के लिए जाता है, उसमें खाद्य एवं अन्य वस्तुओं की खरीद भी शामिल है जो अधिनियम में उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि खाने-पीने की वस्तु के आदेश देने में सेवा का हिस्सा समावेशित है। उपभोक्ताओं की जानकारी के बिना कोई भी मूल्य प्राप्त करना अनाधिकृत है।बैठक में विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के सहायक नियंत्रक महेश शर्मा एवं विभिन्न होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय संघो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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