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April 18, 2025
अजमेर मण्डल पर मनाया गया विश्व विरासत दिवस
वर्ल्ड हेरिटेज डे अर्थात विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल के अवसर पर अजमेर मण्डल पर रेल विरासत का परिचय कराने के लिए अजमेर स्टेशन पर डिजिटल डिस्प्ले किया गया और पोस्टर, बैनर लगाए गए | इस वर्ष विश्व विरासत दिवस समारोह की थीम (विषय) "आपदा एवं संघर्ष प्रतिरोधी विरासत- विरासत की सुरक्षा के संबंध में कार्यवाही" है। विश्व विरासत दिवस की पूर्व संध्या दिनांक 17.04.2025 को अजमेर मंडल के डीआरएम ऑफिस को सजाया गया और रेलवे की समृद्ध विरासत के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने के लिए अजमेर के रेल संग्रहालय को स्कूली बच्चों और आम जनता के लिए बिना शुल्क लिए प्रवेश खुला रखा गया। अजमेर रेलवे वर्कशॉप में भी हेरिटेज साधनों, हेरिटेज गैलरी को सजाकर हेरिटेज दिवस मनाया गया। वर्कशॉप में सेमिनार, सम्मेलन और व्याख्यान आदि का भी आयोजन किया गया।
प्रकृति, विरासत, सौंदर्य, सृजन और मनोरंजन का संगम है अजमेर मंडल की हेरिटेज ट्रेन "वैली क्वीन"
कंक्रीट के जंगलों से दूर अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ अमूल्य विरासत को बचाने का संकल्प, प्रकृति के संरक्षण का संदेश, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को समझने की जगह। यह है मारवाड़ से फुलाद होते हुए खामलीघाट तक मीटर गेज रेलवे लाइन पर वैली क्वीन हेरिटेज ट्रेन का सफर। खुद से मिलने का मौका यहीं मिलता है। यह सफर आपको मंजिल तक तो पहुंचाता ही है, साथ ही यह भी बताता है कि हम इस सफर से क्या सीख सकते हैं। यहां शिखर भी हैं और गहरे गर्त भी। यहां आधुनिकता भी है और परंपरा भी। कभी मेवाड़ और मारवाड़ का यह मिलन स्थल आज मिल्ककेक के लिए मशहूर है। रास्ते में पुरानी इमारतें आपको फिर से बसने का निमंत्रण देती हैं, कभी आकर इसे महसूस करें। । कर्नल टॉड के प्रवास के दौरान अस्तित्व में रहा यह क्षेत्र अब फिर प्रासंगिक हो गया है।
ट्रेन हरी-भरी घाटियों, हरी-भरी पहाड़ियों, दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों से होकर गुज़रती है। इस मार्ग पर 2 सुरंगें हैं जो लगभग सौ साल पुरानी हैं और खूबसूरत जल धाराओं पर 172 छोटे-बड़े पुल हैं।
देश की धरोहर को दर्शाने वाली हेरिटेज ट्रेन यानी “वैली क्वीन एक्सप्रेस” की लगातार लोकप्रियता बढ़ती जा रही है यह पर्यटकों को बहुत लुभा रही है। इस गाड़ी मे ऑनलाइन आरक्षण भी उपलब्ध है| लोग बड़ी संख्या मे ग्रुप मे भी टिकट आरक्षण करा कर इस मनोरम यात्रा के रोमांच का मजा ले रहे हैं|
मारवाड़- खामलीघाट- मारवाड़ के बीच मीटर गेज रेल लाइन पर संचालित सप्ताह में 5 दिन संचालित होने वाली यह पर्यटक ट्रेन लोगों को घाट क्षेत्र के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की सैर कराती है| उल्लेखनीय है की अरावली की सुरम्य पहाड़ियों में आजादी से पूर्व बनी मारवाड़ –खामली घाट रेल खंड को रेलवे द्वारा विरासत सहजने के क्रम में मीटर गेज ही रखा गया है। इस खण्ड पर मारवाड़- खामलीघाट- मारवाड़ के बीच प्रदेश की पहली हेरिटेज ट्रेन “वैली क्वीन” संचालित की जा रही है। इसका शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 05 अक्टूबर 2023 को हरी झंडी दिखाकर किया गया।
वैली क्वीन हेरिटेज ट्रेन में एक वातानुकूलित चेयर कार एवं एक पॉवर कार कोच के साथ एक डीजल इंजन को भाप इंजन जैसा बनाया गया है। यात्रा में यात्रियों को हरी-भरी घाटियों, पहाड़ियों, दुर्लभ वनस्पतियों और स्थानीय जीव जन्तुओं के मनमोहक दृश्य देखने को मिलते है। हेरिटेज ट्रेन को राजस्थानी लुक देने के लिए कोच पर राजस्थानी चित्रकारी की गई है। ट्रेन गोरम घाट, फुलाद और खामलीघाट पर रुकती है । इसमें 60 सीटों वाली एसी चेयर कार कोच, एक सामान्य कोच और एक ट्वेंटी-सीटर विंडो केबिन है। ट्रैक पर दो घुमावदार टनल सफर का रोमांच बढ़ाती है। अरावली पहाड़ियों के बीच मारवाड़ से खामलीघाट 47 किलोमीटर की मीटर गेज रेल लाइन प्राकृतिक सौन्दर्य से भरे इस क्षेत्र में पर्यटन का आधार बनी हुई है।
इस खंड पर कई धार्मिक स्थल है जैसे यहाँ जोगमंडी स्थित माता जी का मंदिर है| उसके बाद गोरम घाट स्टेशन पर उतरकर पहाड़ी पर स्थित गुरु गोरखनाथ जी का मंदिर स्थित है | इसकी वास्तुकला पारंपरिक और आधुनिक तत्वों के मिश्रण को दर्शाती है, जिसमें जटिल नक्काशी आकर्षित करती है। गोरम घाट स्टेशन के बाद पर्वत सिंह जी की धूणी स्थित है| पुरानी मान्यताओं के अनुसार पर्वत सिंह जी महाराज की समाधि है जहां आज भी दूर-दूर से लोग दर्शन करने को आते हैं| यू आकार का पुल- गोरमघाट पर यू-आकार का पुल भी पर्यटकों को बहुत लुभाता है, जिसमें नीचे शांत पानी के चारों ओर हरियाली है। यह वास्तुकला और पर्यावरण का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। गोरमघाट की यात्रा के दौरान पर्यटक राजस्थान में सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाले भील बेरी का झरना देखना भी नहीं भूलते।
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