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June 20, 2017
नेशनल रिपोर्ट – राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम पर विपक्ष बंटा हुआ नजर आ रहा है. कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल के कोविंद के नाम पर राज़ी होने की संभावना बेहद कम है, जबकि बीजेडी, टीआरएस जैसे कई विपक्षी दलों ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम का समर्थन किया है
नीतीश के सुर नरम और शिवसेना ने उठाए सवाल
रामनाथ कोविंद के नाम पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सुर भी नरम हैं, पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने इस मुद्दे पर सीधे-सीधे समर्थन देने की जगह दलित वोटबैंक का हवाला देते हुए उम्मीदवारी पर सवाल उठाया है. शिवसेना आज अपने पत्ते खोलेगी. कांग्रेस से लेकर लेफ्ट और तृणमूल बीजेपी के उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं. दूसरी तरफ मायावती ने कोविंद की उम्मीदवारी का दलित चेहरे के तौर पर खुलकर विरोध करने से परहेज़ किया है.
आंकड़े पूरी तरह से एनडीए के साथ
राष्ट्रपति चुनाव के लिए AIADMK, बीजू जनता दल, टीआरएस के खुले समर्थन के बाद आंकड़े पूरी तरह एनडीए के साथ हैं. जहां सत्ता पक्ष के पास 58 फ़ीसदी से भी ज़्यादा वोट है वहीं विपक्ष के पास क़रीब 35% वोट ही है.
एनडीए का ही राष्ट्रपति!
किसके पास कितने वोट
बीजेपी+: 58.1%
शिवसेना: 2.3%
कांग्रेस+: 35.6%
निर्दलीय, अन्य: 3.9%
ममता ने जताया विरोध
वहीं रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी पर और भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी या सुषमा स्वराज या एलके आडवाणी जैसे कद वाले किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया जा सकता था.
शिवसेना आज खोल सकती है पत्ते
बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी इस नाम पर सवाल उठा रही है.पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर सिर्फ दलित वोटों के लिए कोविंद को चुना गया है वह एनडीए उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगी. इससे देश को कोई लाभ नहीं होगा. शिवसेना ने कभी किसी को ढाल बनाकर राजनीति नहीं की. उद्धव ने कहा कि शिवसेना ने एमएस स्वामीनाथन का नाम राष्ट्रपति पद के लिए सुझाया था, जिससे किसानों को फायदा मिलता. शिवसेना आज अपने पत्ते खोलेगी. अगर शिवसेना एनडीए उम्मीदवार का समर्थन नहीं करती है तो ये नई बात नहीं होगी इससे पहले भी शिवसेना यूपीए की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन कर चुकी है.
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