For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 102298464
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: प्रदेश सरकार चारागाह भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर मूक पशुओं का करें भला- चौधरी |  Ajmer Breaking News: कल भाजपा करेगी बूथ स्तर पर अंबेडकर जी को नमन व अब साहब की संगोष्टियां |  Ajmer Breaking News: हरिभाऊ उपाध्याय नगर थाना अंतर्गत कोटड़ा स्थित झुग्गी झोपड़ी में मिली युवक की लाश  |  Ajmer Breaking News: राजस्थान पुलिस दिवस की तैयारियां अजमेर में शुरू, पुलिस अधीक्षक के श्रमदान ओर सफाई अभियान से हुई शुरुआत |  Ajmer Breaking News: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पहुंचे अजमेर, अंबेडकर सर्किल पर संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि किया याद, |  Ajmer Breaking News: उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा पहुंचे राजगढ़ धाम  |  Ajmer Breaking News: तीर्थनगरी स्थित द्वारिकापुरी कृष्णा निवास में चल रहे नो दिवसीय अखण्ड रामायण पाठ अनुष्ठान का हनुमान जन्मोत्सव पर पूर्णाहुति |  Ajmer Breaking News: हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में पुष्कर क्षेत्र के सनातन धर्मप्रेमियों की ओर से शनिवार को नगर में विराट हिंदू भगवा यात्रा निकाली गयी। |  Ajmer Breaking News: पुष्कर के सुनसान रेतीले धोरों में थार जीप द्वारा बदस्तूर जारी मौत के खेल में शनिवार को मासूम बच्चों सहित करीब 12 लोगों की जान पर बन आई। |  Ajmer Breaking News: पूरे देश सहित अजमेर में भी मनाया गया हनुमान जन्मोत्सव, बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंचे भक्तों ने प्रसाद अर्पित कर मांगी मनोकामनाएं, | 

अजमेर न्यूज़: अजमेर उत्तर में छठें दिन आयोजित हुए योग शिविर हंसना सबसे अच्छा योग, मिलेगी तनाव से मुक्ति - श्री देवनानी

Post Views 901

June 19, 2017


योग से होगी प्रदेश के हैप्पीनेस इंडेक्स में बढ़ोतरी

शिविरार्थियों से देवनानी ने किया आग्रह-  परिवार के सदस्यों व पड़ोसियों को भी बताऐ योग के अनुभव व लाभ

अजमेर। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्रा के विभिन्न वार्डों में 30 स्थानों पर चल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष योग शिविरों के आयोजक एवं शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि हंसी को सर्वोत्तम योग माना गया है। हंसना न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा प्रदेश हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत योग एक महत्वपूर्ण कारक है। 

श्री देवनानी ने आज क्षेत्रा के वार्ड 54, 55 एवं 56 में आयोजित योग शिविरों में भाग लिया। योग साधकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि योगाचार्यों ने हंसी के जरिए तनाव मुक्ति को सर्वोत्तम योग आसनों में शामिल किया है। तनाव मुक्ति हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाने का आधार है। राज्य सरकार द्वारा योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। 

देवनानी ने बताया कि आज छठें दिन आयोजित योग शिविरों में क्षेत्रावासियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर कुशल योग शिक्षकों के मार्गदर्शन में योग क्रियाऐं सीखी व उनका अभ्यास किया। योग शिविर में भाग लेने वाले साधकों से देवनानी ने आग्रह किया कि घर जाकर वे अपने घर-परिवार के अन्य सदस्यों व पड़ोसियों को भी योग की जानकारी दे तथा योगाभ्यास के उपरान्त उन्हें महसूस होने वाले स्वास्थ्य सम्बंधी सुधार व मानसिक शान्ति की अनुभूति के बारे में बताऐ जिससे वे लोग भी योग से जुड़कर लाभान्वित हो सके। 

महामंत्राी रमेश सोनी ने बताया कि नगर निगम परिसर में आयोजित वार्ड 52 एवं 7 के योग शिविर में आज संघचालक श्री सुनील दत्त जैन एवं राजकीय विद्यालय वैशालीनगर में आयोजित वार्ड 60 के शिविर वरिष्ठ पत्राकार श्री एस.पी. मित्तल ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए योगाभ्यास से होने वाले शारीरिक व मानसिक लाभ बताऐ तथा योग को जीवन में नियमित रूप से अपनाने का सुझाव दिया। 

शिविर संयोजक धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि आज आयोजित शिविरों में शिविरार्थियों को पोष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक अंकुरित अनाज का वितरण किया गया तथा कल मंगलवार को पतंजलि योग समिति की ओर से उपलब्ध कराये गये बिस्किट अल्पाहार के रूप में वितरित किये जाऐंगे।

सह संयोजक सुभाष काबरा व सोमरतन आर्य ने भी आज विभिन्न स्थानों पर आयोजित शिविरों में भाग लिया। शहर जिलाध्यक्ष अरविन्द यादव, महामंत्राी जयकिशन पारवानी, मण्डल अध्यक्ष राजकुमार ललवानी, योगेश शर्मा, अध्यक्ष विनीत पारीक, सीता राम शर्मा, तुलसी सोनी, विकास सोनगरा, डाॅ. राजू शर्मा, सतीश बंसल, महिला मोर्चा अध्यक्ष रश्मि शर्मा, श्वेता शर्मा, सुलोचना शुक्ला, प्रकाश बसंल, गोविन्द बंसल, अंचित परिहार, संदीप तंवर,  पार्षद महेन्द्र जैन मित्तल, ज्ञानचंद सारस्वत, राजेन्द्र पंवार, कुन्दन वैष्णव, धर्मपाल जाटव, अनिल नरवाल, राजू साहू, रमेश सोनी, भारती श्रीवास्तव, जे.के. शर्मा, राजेन्द्रसिंह राठौड़, महेन्द्र जादम, भागीरथ जोशी, के.के.त्रिपाठी, धर्मेन्द्र शर्मा, नीरज जैन, दीपेन्द्र लालवानी, प्रकाश मेहरा, वीरेन्द्र वालिया, चन्द्रेश सांखला तथा धर्मराज गौतम, सुखदेव रावत, कुन्दन सिंह, गंगाराम सैनी, दयालराम सिवासिया, शक्तिसिंह कच्छावा, रोशन महाराज, दरियाव सिंह सहित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने विभिन्न वार्डो में आयोजित शिविरों में भाग लिया। 

सह संयोजक सुभाष काबरा ने बताया कि शिविर में योग शिक्षकों ने आज विभिन्न योग आसनों की उनसे संबंधित फायदों की जानकारी योग साधकों को दी। योग प्रशिक्षकों ने अर्धचक्रासन की जानकारी देते हुए बताया कि इस आसन में चंूकि शरीर आधे पहिए की आकृति जैसा बनता है, इसलिए इस आसन को अर्ध चक्रासन कहते है।  अभ्यास विधि दोनो हाथों की सभी अंगुलियों से कमर को पीछे की ओर से पकड़े। सभी अंगुलियां उध्र्वमुखी और अधोमुखी स्थिति में हों। सिर को पीछे की ओर से झुकाते हुए ग्रीवा की मांसपेशियों को खींचना चाहिए। श्वास लेते हुए कटि भाग से पीछे की ओर झुकना चाहिए। श्वास को बाहर छोड़ते हुए शिथिल होना चाहिए। इस स्थिति में 10-10 सेकेंड तक रूकें तथा सामान्य रूप से श्वास लेते रहें। श्वास को अंदर खींचते हुए धीरे-धीरे प्रारम्भिक अवस्था में वापस लौटें। 

इस आसन से मेरूदण्ड लचीला बनता है तथा मेरूदण्ड से संबंधित नाड़ियां मजबूत बनती है। ग्रीवा की मांसपेशियों को मजबूत मिलती है। श्वसन क्षमता भी बढती है। सर्वाइकल स्पाॅन्डिलाइटिस में भी यह लाभकारी है। यदि आपको चक्कर आता हो तो इस आसन का अभ्यास करने से बचे। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति अभ्यास करते समय सावधानी से पीछे की ओर झुके। 

उन्होंने त्रिकोणासन की जानकारी देते हुए बताया कि  चंूकि आसन के अभ्यास के समय शरीर एवं पैरों से बनी आकृति तीन भुजाओं के सदृश्य दिखाई देती है, इसीलिए इस अभ्यास को त्रिकोणासन कहते है। त्रिकोणासन के अभ्यास के समय दोनों पैरों को फैलाकर आराम से खड़ा होना चाहिए। दोनों हाथों को आकाश के समानातंर होने तक धीरे-धीरे उठाना चाहिए। श्वास को शरीर से बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाई तरफ झुकना चाहिए। झुकने के बाद दायां हाथ दाएं पैर के ठीक पीछे की ओर रखना चाहिए। बाये हाथ को सीधे ऊपर की ओर रखते हुए दायें हाथ की सीध में लाना चाहिए। तत्पश्चात बाई हथेली को आगे की ओर लाना चाहिए। सिर को घुमाते हुए बाएं हाथ की बीच वाली अंगुली को देखना चाहिए।  सिर को घुमाते हुए बाएं हाथ वाली अंगुली को देखना चाहिए। सामान्य श्वास लेते हुए इस आसन में 10-30 सेंकेड तक रूकना चाहिए। श्वास को शरीर के अंदर लेते हुए प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाए। इस आसन को दूसरी ओर से भी करना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि यह आसन पैर के तलवों से संबंधित विसंगतियों से बचाता है। पिण्डिका, जांघों और कटि भाग की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। मेरूदण्ड को लचीला बनाता है तथा फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है।  स्लिप डिस्क, साइटिका एवं उदर में किसी प्रकार की सर्जरी होने के बाद इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए ।  शरीर की कार्य क्षमता तथा सीमा से परे जाकर न करें तथा शरीर को सीमा से अधिक न खींचें। अभ्यास करते समय यदि जमीन को न छू सकें तो घुटनों को छूने का प्रयास करें। 

ajmer news , rajasthan news , horizon , horizon hind

© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved