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June 19, 2017
नेशनल रिपोर्ट – रिजर्व बैंक के ऋण शोधन कार्रवाई के लिये 12 बड़े चूककर्ताओं का नाम लिये जाने के बाद बैंकों की उनमें से छह मामलों में आगे की कार्रवाई और उसे नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल को भेजे जाने के लिये सोमवार से बैठक होगी.पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक की आंतरिक परामर्श समिति ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत तत्काल आगे की कार्रवाई के लिये 12 खातों की सूची बैंकों को भेजी है. ये खातें एसबीआई की अगुवाई में पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई बैंक तथा कारपोरेशन बैंक से संबद्ध हैं.
एक बैंक अधिकारी ने कहा, सोमवार से बैंकों की बैठक होगी जिसमें रिजर्व बैंक द्वारा भेजे गये 12 खातों में छह खातों को इस महीने के अंत तक एनसीएलटी को भेजे जाने पर चर्चा की जाएगी. चूंकि ये बड़े खाते हैं और इसमें कई बैंक जुड़े हैं, ऐसे में बैंक इसे एनसीएलटी के पास भेजे जाने से पहले सभी प्रशासनिक जरूरतों पर साझा विचार तैयार करने की कोशिश करेंगे. एक बैंक अधिकारी ने कहा कि ये छह खाते भूषण स्टील -44,478 करोड़ रुपये, एस्सार स्टील -37,284 करोड़ रुपये, भूषण पावर एंड स्टील -37,248 करोड़ रुपये, आलोक इंडस्ट्रीज -22,075 करोड़ रुपये, एमटेक आटो-14,074 करोड़ रुपये तथा मोनेट इस्पात -12,115 करोड़ रुपये के हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार ये खातों पर 2,500 अरब रुपये बकाया हैं जो सकल फंसे कर्ज का करीब 25 प्रतिशत है. बैंक अधिकारियों के अनुसार दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत कार्रवाई के लिये पहचाने गये अन्य खाते लैंको इंफ्रा-44,364 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रोस्टील- 10,273.6 करोड़ रुपये, एरा इंफ्रा- 10,065.45 करोड़ रुपये, जेपी इंफ्राटेक -9,635 करोड़ रुपये, एबीजी शिपयार्ड - 6,953 करोड़ रुपये तथा ज्योति स्ट्रक्चर्स -5,165 करोड़ रुपये के हैं.
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