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June 15, 2017
रिपोर्ट- हापुड़-कैंसर का पता लगने पर पत्नी को तलाक दे दिया। एक बैठक हुई और पति ने पत्नी को तलाक-तलाक-तलाक कह दिया। शादी के दौरान दहेज में मिला सामान वापस लौटा दे ब्रजघाट के गांव अल्लाबख्शपुर निवासी चुन्ने खां ने अपनी बेटी मैकसीना (20) का निकाह जनपद के रिजवान के साथ 26 मई 2015 को किया था। शादी के लगभग 6 महीने बाद मैकसीना के पैर में एक फुंसी निकल आई। इलाज के बाद भी यह ठीक नहीं हुई और फोड़े का रूप ले लिया। इस दौरान रिजवान ने अपनी पत्नी को उसके मायके छोड़ दिया। घरवालों ने मैकसीना का मेरठ के अलावा दिल्ली के अस्पतालों में इलाज कराया।
दिल्ली में इलाज के दौरान पता चला कि उसे कैंसर है। इसकी जानकारी ससुराल वालों को भी लग गई। इसके बाद ससुराल वालों ने युवती से मुंह मोड़ लिया और एक साल तक खोज खबर नहीं ली। एक दिन मैकसीना के माता-पिता ने सुसराल जाकर मैकसीना को लाने का आग्रह किया तो सुसराल वालों ने दोनों को खरी-खोटी सुनाई और उन्हें वापस लौटा दिया। शुक्रवार को समझौते के लिए रिश्तेदार और परिवार के अन्य सदस्य इकट्ठे हुए। बैठक में ही पति ने तलाक-तलाक-तलाक कह पीछा छुड़ा लिया। काजी शफीक अहमद का कहना है कि बीमारी के कारण तलाक देना जायज नहीं है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है।
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