Post Views 791
June 15, 2017
रिपोर्ट- सुप्रीम कोर्ट ने पशु बाजार में वध के लिए मवेशियों को खरीदने और बचने पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने केंद्र से दो हफ्ते में अपना जवाब देने को कहा और मामले को 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
देश में पशु बाजार में कत्लखानों के लिए मवेशियों की खरीद या बिक्री पर रोक लगाने के मोदी सरकार के नए कानून के खिलाफ एक NGO की ओर से PIL दाखिल की गई थी. इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार की ओर से 23 मई को पशु क्रूरता रोकथाम नियम के तहत जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई. याचिका में दलील दी गई है कि केंद्र सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह नोटिफिकेशन जारी किया है, जो असंवैधानिक है.
याचिका के मुताबिक- बूचड़खानों के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक का नोटिफिकेशन मनमाना और गैर कानूनी है. यह पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम-1960 का उल्लंघन करता है. नया कानून मवेशियों की खरीद और बिक्री पर अप्रत्यक्ष रूप से पूरी तरह प्रतिबंध लगाता है. इससे किसानों और पशु व्यापारियों पर काफी आर्थिक दबाव बढ़ेगा. इससे गोरक्षा के नाम पर किसानों और पशु व्यापारियों का उत्पीड़न होगा. इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने इस पर दखल देने से इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र के इस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दिया था. इसके बाद अब मामले को सुप्रीम कोर्ट में दाखिला किया गया है.
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved