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June 14, 2017
रिपोर्ट- कई बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में भारत में वांछित कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया कि अपने केस के पक्ष में पैरवी करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। अपने प्रत्यर्पण से जुड़े मामले की सुनवाई के सिलसिले में वह आज वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए जहां उन्हें चार दिसंबर तक जमानत दे दी गई।
किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रह चुके 61 साल के माल्या अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर हैं। अदालत में प्रत्यर्पण के कई मामलों की सुनवाई के बाद वह अपने मामले की सुनवाई के वक्त वहां पहुंचे। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अरबुथनाट ने माल्या को चार दिसंबर तक जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई छह दिसंबर तक की गई है।
माल्या ने अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया, मैं किसी अदालत से नहीं बच रहा़। अपना पक्ष साबित करने के लिए मेरे पास पर्याप्त सबूत हैं। भारतीय अधिकारियों की तरफ से ब्रिटेन क्राउन प्रॉसिक्यूशन सवर्सि र्सीपीएसी ने अदालत में भारतीय अधिकारियों का पक्ष रखे।
जोसेफ हेग आरोनसन एलएलपी नाम की कंपनी माल्या की बचाव टीम की अगुवाई कर रही है। उन्होंने आपराधिक, नियामक और धोखाधड़ी कानूनों के विशेषज्ञ वकील क्लेयर मोंटगोमरी को अपनी तरफ से पैरवी करने को कहा है। सीपीएस ने मार्क समर्स को सीपीएस प्रत्यर्पण इकाई और भारत सरकार के वकील के तौर पर सेवाएं देने को कहा है। समर्स प्रत्यर्पण और अंतरराष्टीय कानून मामलों के जानेमाने विशेषज्ञ हैं।आज की सुनवाई के लिए सीबीआई के एक अधिकारी भी दिल्ली से यहां पहुंचे हैं।गौरतलब है कि देश के बैंकों का माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये लोन है और वह लंदन भाग चुके है। भारत सरकार की शिकायत पर अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और अब वह जमानत पर रिहा हैं। इसी मामले की सुनवाई मंगलवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट के कोर्ट में शुरू हो गई है। इस मामले में भारत का पक्ष ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) रखेगी। इससे पहले 13 मई को तय हुई सुनवाई एक महीने के टाल दी गई थी।
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