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June 14, 2017
रिपोर्ट- घाटी में सेना की ताबड़तोड़ कार्रवाई से खौफजदा आतंकियों ने घुसपैठ का रास्ता बदल दिया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आतंकी अब घुसपैठ के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं। उरी सेक्टर में कुछ ऐसे स्थानों से आतंकी घुसपैठ के प्रयास हुए भी हैं, लेकिन सेना ने उन्हें विफल कर दिया। सेना के अनुसार घुसपैठ के सभी मौजूदा एवं संभावित रास्तों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। घुसपैठ के संभावित नए रास्तों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई के लिए सेना की तैनाती की जा रही है।
पुराने रास्ते छोड़े
सूत्रों के अनुसार आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर से उरी, गुरेज, नौगाम, पुंछ, सांबा, कुपवाड़ा में पुराने रास्तों से घुसपैठ नहीं कर रहे हैं। अब उन्होंने नई रणनीति बनाते हुए गहरी खाइयों वाले रास्ते से घुसपैठ की योजना बना रहे हैं।
नए रास्ते से घुसपैठ की खबर नहीं
सेना के प्रवक्ता के अनुसार हालांकि अभी तक नए रास्ते से आतंकियों के घुसने की खबर नहीं है। लेकिन फिर भी सेना ऐसी घटनाओं पर नजर रखे हुए है। उत्तर कश्मीर में सीमा पर उन स्थानों को भी चिह्नित कर लिया है जो बर्फ आदि के कारण ढंक जाते थे जहां अभी तक सेना को तैनात नहीं किया जा सका था। अब इन स्थानों पर न सिर्फ निगरानी होगी बल्कि सेना की तैनाती भी रहेगी। ज्यादातर ये खाई वाले स्थान हैं। यहां निगरानी पूरे साल भर रहेगी। दक्षिण कश्मीर में घुसैपठ की आशंकाएं कम हैं।
खुफिया तंत्र पर जोर
सेना उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने में जुटी है। इसके तहत स्थानीय लोगों से सूचनाएं प्राप्त करने के लिए उन्हें भरोसे में ले रही है। खासकर सर्च अभियान के दौरान लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दे रही है। दूसरे, मिलिटरी इंटेलीजेंसी के नेटवर्क को भी इस इलाके में मजबूत किया गया है। 26 बार घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया सेना ने पिछले पांच महीने में 34 आतंकियों को (पाक की तरफ से ) घुसपैठ करते सेना ने मार गिराया
तीन से चार किलोमीटर पीछे हटे
कुपवाड़ा, गुरेज, उरी समेत अन्य क्षेत्रों में आतंकी पहले घुसपैठ करते थे,लेकिन सेना के आक्रामक रुख के बाद अब उन्होंने अपने रास्ते बदले हैं जो पुराने रास्ते से तीन-चार किलोमीटर आगे-पीछेहैं।
इसलिए बदली रणनीति
खुफिया सूचनाएं हैं कि इन्हीं क्षेत्रों में आतंकी दूसरे स्थानों से घुसपैठ के नए रास्ता बना सकते हैं। क्योंकि इनमें पहाड़, नाले, खाइयां आदि हैं। इन सब जगह सेना या सुरक्षा बल नहीं हैं। उरी में एक-दो घटनाएं ऐसे रास्ते पर हुई हैं जहां कभी घुसपैठ नहीं हुई।घुसपैठ को लेकर सेना के सख्त होते ही आतंकी रास्ता बदल लेते हैं,लेकिन ज्यादा समय तक ऐसा रास्ता सेना या सुरक्षा बलों की नजर से बचा नहीं रह सकता। उत्तरी कश्मीर में ऐसे कई नए रास्ते पिछले कुछ सालों के दौरान बने हो सकते हैं।
-अफसीर करीम, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त)
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