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June 10, 2017
दार्जिलिंग रिपोर्ट । पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद के दौरान दुकानों और होटलों के बंद रहने के बीच सेना ने कालिंपोंग, दार्जिलिंग और कुरसिओंग में शुक्रवार को फ्लैग मार्च निकाला। पहाड़ी इलाके में किसी भी तरह की ताजा हिंसा दर्ज नहीं की गई है। गुरुवार को जीजेएम के हजारों आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने एक अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में आगजनी की थी और पुलिस पर पत्थर फेंके थे, जिसमें 15 लोग घायल हुए थे।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कोलकाता में कहा कि सेना की छह टुकड़ियों को तैनात किया गया है, जिनमें तीन दार्जिलिंग, दो कालिंपोंग और एक कुरसिओंग में हैं। प्रत्येक टुकड़ी में 43 जवान शामिल हैं। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीन कंपनियों को भी तैनात किया गया है। प्रवक्ता ने कहा सेना, सीआरपीएफ और नागरिक प्रशासन आपस में समन्वय कर रहे हैं और स्थिति नागरिक प्रशासन के नियंत्रण में है। सेना के प्रवक्ता ने कहा दार्जिलिंग में एक उपद्रवी भीड़ के हिंसक होने और सरकारी कर्मचारियों को घायल करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद गुरुवार की शाम 6.15 बजे सेना को बुलाया गया था।
प्रवक्ता ने बताया शुरुआत में दार्जिलिंग में सेना की दो टुकड़ियों को तैनात किया गया था। कालिंपोंग और कुरसिओंग में एहतियाती उपाय के मद्देनजर अतिरिक्त टुकड़ी को देर रात तैनात किया गया। शुक्रवार को सुबह 6 बजे से शुरू हुए बंद के बाद हजारों पर्यटक पहाड़ी इलाके के कई स्थानों से बाहर निकलने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कार और जीप वाले उनसे मुंहमांगा पैसा मांग रहे हैं। जीजेएम ने ‘उसके कार्यकर्ताओं द्वार किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर अंधाधुंध पुलिस कार्रवाई’ के विरोध में बंद का आह्वान किया।
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