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June 10, 2017
नई दिल्ली रिपोर्ट। टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के यहां सीबीआई के छापों का विरोध करने के लिए पत्रकारिता के दिग्गज शुक्रवार को प्रेस क्लब में जुटे और एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प किया। सीबीआई की कार्रवाई का विरोध करने के लिए जुटे पत्रकारों ने कहा कि प्रेस की आजादी को खत्म करने के हर प्रयास का विरोध किया जाएगा। प्रणय रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पत्रकार और मीडिया संस्थान खड़े नहीं हुए तो उनको दबा दिया जाएगा।। टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के यहां सीबीआई के छापों का विरोध करने के लिए पत्रकारिता के दिग्गज शुक्रवार को प्रेस क्लब में जुटे और एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प किया। सीबीआई की कार्रवाई का विरोध करने के लिए जुटे पत्रकारों ने कहा कि प्रेस की आजादी को खत्म करने के हर प्रयास का विरोध किया जाएगा। प्रणय रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पत्रकार और मीडिया संस्थान खड़े नहीं हुए तो उनको दबा दिया जाएगा।
सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ एनडीटीवी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जुटे पत्रकारों में अरुण शौरी, कुलदीप नैयर, शेखर गुप्ता, राजदीप सरदेसाई, अरुण पुरी, एचके दुआ, राज चेंगप्पा, टीएन नाइनन आदि शामिल थे। मशहूर कानूनविद फली एस नरीमन ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। नरीमन ने सीबीआई के छापों से जुड़े तमाम तकनीकी और कानूनी पहलुओं का खुलासा किया। कार्यक्रम में शामिल हुए तमाम पत्रकारों ने एनडीटीवी पर छापे की निंदा की। उन्होंने इसे प्रेस की आजादी पर हमला और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मशहूर पत्रकार व लेखक अरुण शौरी ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक शेर पढ़ते हुए कहा – तुमसे पहले जो यहां तख्तनशीन था, उसे भी खुदा होने का इतना ही यकीन था! उन्होंने मीडिया की आजादी पर हमला नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि भारत में जिसने भी प्रेस पर हाथ डालने की कोशिश की, वह अपने हाथ जला बैठा। शौरी ने कहा कि मीडिया की आजादी छीनने के लिए पहले विज्ञापन का लालच दिया गया, फिर डर का माहौल बनाया गया और अब तीसरा साधन अपनाया जा रहा है, जिसका शिकार एनडीटीवी हुआ है।
पत्रकारों ने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तरह प्रचंड बहुमत वाली यह सरकार भी मीडिया को डराने-धमकाने और नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है लेकिन पत्रकार इससे डरने वाले नहीं हैं और आपातकाल की तरह इस सरकार के खिलाफ भी पूरी ताकत से लड़ेंगे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ प्रेस क्लब्स ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन प्रेस कोर, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली पत्रकार संगठन, भारतीय पत्रकार संघ और फॉरेन कॉरेसपोंडेट क्लब की ओर से आयोजित इस विरोध सभा में बड़ी संख्या में अंग्रेजी, हिंदी, क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकारों के अलावा इलेक्ट्रानिक चैनलों के भी पत्रकार मौजूद थे।
सभा में अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए उसे अधिनायकवादी सरकार बताया और कहा कि यह सरकार विरोध की आवाज कुचलने के लिए न सिर्फ दमनात्मक कार्रवाई कर रही है, बल्कि विज्ञापनों की आड़ में प्रेस की आजादी का गला घोंट रही है। उन्होंने मोदी सरकार को ‘ढाई आदमी’ की सरकार बताते हुए कहा कि उसके पास सोशल मीडिया की टीम है जो सरकार के खिलाफ टिप्पणियों की निगरानी करती है।
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