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June 9, 2017
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की नई औद्योगिक नीति के मसौदे को कुछ संशोधनों के साथ अपनी सहमति भी दे दी है .मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के प्रस्तुतिकरण के दौरान नीति से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया और इसमें संशोधन के बारे में अपने कुछ सुझाव भी दिए.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा दिए सुझाव मसौदे में शामिल करने के बाद इसे अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. नीति के मसौदे पर वेबसाइट पर ही संबद्ध पक्षों और लोगों से सुझाव एवं आपत्तियां मांगी जाएगी. इसके बाद ही नीति को अन्तिम रूप दिया जाएगा. इसके बाद औद्योगिक नीति को मंजूरी के लिये राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जायेगा.
योगी ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना, पूंजी निवेश, रोजगार सृजन और संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. इसके लिए बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराए जाने तथा प्रक्रियाओं का सरलीकरण किए जाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड तथा अन्य पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाए. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं में आत्मनिर्भरता तथा उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.योगी ने कहा कि वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के बाद जनसामान्य के साथ-साथ उद्यमियों, उद्योगपतियों, उद्योग समूहों के सुझावों का भी संग्यान लेते हुए नई उद्योग नीति को अन्तिम रूप दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने आईटीआईटीईएस और आईटी स्टार्ट-अप उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, नयी और नवीकरणीय उर्जा, हथकरघा, वस्त्र एवं रेशम उद्योग, पर्यटन और फिल्म सम्बंधी उद्योगों के लिए विभागीय नीतियां भी जल्द ही पेश करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश और उद्योग स्थापना की विशाल सम्भावनाएं हैं. राज्य सरकार प्रदेश में पूंजी निवेश और उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ उद्योगों, उद्यमियों की समस्याओं के समाधान और उनके कार्य विस्तार के लिए प्रतिबद्ध
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