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June 9, 2017
पुणे रिपोर्ट । मध्यप्रदेश में किसानों का विरोध प्रदर्शन हिंसक बना हुआ है। प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद हालात बेकाबू ही बताए जा रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र से खबर है कि वहां भी सरकार और किसानों के बीच किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है। अब आशंका जताई गई है कि किसान 13 जून से रेल पटरियों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। इससे रेल सेवा बाधित होने का खतरा पैदा हो गया है।इससे पहले गुरुवार को नासिक में 21 सदस्यीय समन्वय समिति की बैठक हुई। इस समिति में प्रदेश के बड़े किसान नेता और कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं। बैठक के बाद इन नेताओं की ओर से धमकी दी गई है कि सरकार ने मांगे नहीं मानीं तो 12 जून को कलेक्टर और तहसीलदारों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा और 13 जून से रेलें रोकी जाएंगी। मालूम हो, महाराष्ट्र में किसान सम्पूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर 1 जून से हड़ताल पर हैं।
सियासत तेज, शिवसेना ने साधा भाजपा पर निशाना
महाराष्ट्र में भी किसान आंदोलन पर सियासत तेज हो गई है। शिवसेना के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस बयान पर निशाना साधा है कि वे सिर्फ असली किसान नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।पार्टी मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है, ये किसान कौन हैं? क्या आपके मंत्रालय में कोई असली किसान है? हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस घोषणा कर चुके हैं कि 31 अक्टूबर से पहले का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान 4 किसानों ने की आत्महत्या
इस बीच, प्रदेश में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला जारी है। किसानों की हड़ताल के बाद से अब तक 4 किसान खुदकुशी कर चुके हैं। इनमें दो नासिक के हैं तो एक-एक बीड और अकोला से हैं।
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